भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव 14 सितंबर (शनिवार) को 34 साल के हो गए. सूर्यकुमार आज क्रिकेट की दुनिया में एक अलग पहचान बना चुके हैं. उनका करियर बताता है कि कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की जा सकती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय पर सूर्यकुमार यादव बैडमिंटन में करियर बनाना चाहते थे? आज उन्होंने टी20 फॉर्मेट में अपनी शानदार बल्लेबाजी के कारण वर्ल्ड क्रिकेट में अलग पहचान बना ली है. आज हम बताएंगे कि कैसे सूर्यकुमार बैडमिंटन से क्रिकेट तक का यह सफर तय करके भारतीय फैन्स के लोगों के दिल पर राज कर रहे हैं....
बचपन से खेलों के शौकीन
सूर्यकुमार यादव का जन्म 14 सितंबर 1990 को मुंबई में हुआ था. उनके पिता अशोक कुमार यादव बीएआरसी (BARC) में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे. सूर्यकुमार के परिवार का खेलों से कोई विशेष नाता नहीं था, लेकिन उन्हें खुद खेलों के प्रति गहरा लगाव था. बचपन से ही उन्हें क्रिकेट और बैडमिंटन खेलने का शौक था. हालांकि उनकी यह खेल रुचि सिर्फ शौक तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने दोनों खेलों में अच्छे स्तर पर प्रदर्शन किया. लेकिन जीवन में एक ऐसा समय आया जब सूर्यकुमार को अपने करियर के लिए क्रिकेट और बैडमिंटन में से किसी एक को चुनना था. उन्होंने क्रिकेट को चुना और आज उनकी इस पसंद ने उन्हें क्रिकेट के टॉप पर पहुंचा दिया.
क्रिकेट का सफर, पत्नी देविशा का साथ
सूर्यकुमार यादव का क्रिकेट का सफर आसान नहीं रहा. भारतीय टीम उन्होंने अपना स्थान बनाने के लिए काफी मेहनत की है. घरेलू क्रिकेट में कई वर्षों तक लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद भारतीय टीम में उन्हें मौका नहीं मिल रहा था. सूर्यकुमार ने मुंबई की घरेलू टीम के लिए रणजी ट्रॉफी में बेहतरीन प्रदर्शन किया और धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाई. लेकिन भारतीय टीम में जगह पाना उनके लिए एक बड़ी चुनौती थी. मेहनत और धैर्य के बावजूद, एक समय ऐसा आया जब सूर्यकुमार को लगने लगा कि शायद वह कभी भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाएंगे. इस दौरान उनकी पत्नी देविशा शेट्टी ने उनका हौसला बनाए रखा. सूर्यकुमार की सफलता में उनकी पत्नी देविशा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
31 साल की उम्र में मिला मौका
सूर्यकुमार यादव ने 31 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अपना पहला टी20 मैच इंग्लैंड के खिलाफ साल 2021 में खेला था. इस उम्र में जहां कई खिलाड़ी अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर होते हैं, सूर्यकुमार ने क्रिकेट में एक नई शुरुआत की. उनका यह डेब्यू देर से हुआ, लेकिन उन्होंने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपने पहले ही मैच में उन्होंने दिखा दिया कि वे भारतीय टीम का अहम हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं.
सूर्यकुमार यादव ने टी20 फॉर्मेट में अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से सबका दिल जीत लिया है. उनकी खासियत है कि वह मैदान के सभी हिस्सों में शॉट्स खेल सकते हैं, जिससे गेंदबाजों के लिए मुश्किलें पैदा होती हैं. जल्द ही, सूर्यकुमार टी20 क्रिकेट में विश्व के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में शुमार हो गए.
ऐसा है इंटरनेशनल करियर
सूर्यकुमार यादव ने अब तक भारत के लिए 71 टी20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 68 पारियों में 42.66 की औसत से 2432 रन बनाए हैं. इनमें 4 शतक और 20 अर्धशतक शामिल हैं. सूर्यकुमार की बल्लेबाजी की सबसे बड़ी ताकत उनकी फिनिशिंग क्षमता और मैदान के चारों ओर शॉट्स खेलना है, जिसके चलते क्रिकेट फैन्स उन्हे टीम इंडिया का 'मिस्टर 360' कहते हैं.
वनडे क्रिकेट में हालांकि उनका प्रदर्शन उतना शानदार नहीं रहा है. उन्होंने 37 वनडे मैचों में 25.76 की औसत से 773 रन बनाए हैं, जिसमें 4 अर्धशतक शामिल हैं. टेस्ट क्रिकेट में सूर्यकुमार ने अभी तक केवल एक ही मैच खेला है, जिसमें उन्होंने 8 रन बनाए. वनडे और टेस्ट क्रिकेट में उन्हें खुद को साबित करना बाकी है, लेकिन टी20 इंटरनेशनल में उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है.
आईपीएल का करियर में बड़ा योगदान....
सूर्यकुमार यादव के टी20 इंटरनेशनल में सफल होने का एक बड़ा कारण इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) रहा है. उनका IPL करियर साल 2011 में मुंबई इंडियंस (MI) के साथ शुरू हुआ, लेकिन उन्हें शुरुआती दो वर्षों में ज्यादा मौके नहीं मिले. इसके बाद सूर्यकुमार ने 2014 में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के साथ करार किया, जहां उन्हें काफी मौके मिले. कोलकाता के लिए खेलते हुए उन्होंने कुछ शानदार पारियां खेलीं और अपनी अलग पहचान बनाई.
2018 में सूर्यकुमार यादव फिर से मुंबई इंडियंस के साथ जुड़े और यहीं से उनका करियर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया. उन्होंने मुंबई इंडियंस के लिए लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया और टीम की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने अब तक IPL के 150 मैचों में 32.38 की औसत से 3594 रन बनाए हैं, जिसमें 2 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं. आज सूर्यकुमार यादव की बल्लेबाजी का लोहा पूरे विश्व में माना जाता है. उनकी यह यात्रा बताती है कि चाहे कितनी भी कठिनाइयां क्यों न हों... अगर मन में जुनून हो, तो आप सफल हो जाएंगे.
(रिपोर्ट: Priyanshu Shrivastava)