ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में गुरुवार को भारतीय टीम के जुझारूपन नहीं दिखाने के लिये आलोचना की, जबकि अपनी राष्ट्रीय टीम की 95 रन से जीत दर्ज करने के लिये तारीफों के पुल बांधे. भारत 329 रन के लक्ष्य का पीछा करते 46.5 ओवर में 233 रन पर आउट हो गया.
मीडिया ने कहा कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (65) और विराट कोहली (1) जब जरूरत थी तब अपनी टीम को प्रेरित करने में नाकाम रहे. डेली टेलीग्राफ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, भारत के पास ऑस्ट्रेलियाई लक्ष्य तक पहुंचने की संभावना तभी बनी रहती जब धोनी या कोहली में से कोई बड़ी पारी खेलता, लेकिन दोनों में से कोई भी ऐसा नहीं कर पाया. जब तक धोनी क्रीज पर था भारत की उम्मीद बनी रही लेकिन वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भारतीय कप्तान ने आसानी से घुटने टेक दिये.
पत्र ने लिखा है, 'टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने वाले धोनी संभवत: अपना आखिरी वनडे खेल रहे थे. उन्होंने ग्लेन मैक्सवेल के हाथों रन आउट होने से पहले भारत की तरफ से सर्वाधिक 65 रन बनाये. धोनी ने रन आउट होने से बचने के लिये डाइव तक नहीं लगायी. उनके आउट होने से भारत की रही सही उम्मीद भी खत्म हो गई.'
सिडनी मार्निंग हेराल्ड ने भी धोनी के आउट होने को अजीब करार दिया. समाचार पत्र ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, ऑस्ट्रेलिया का सात विकेट पर 328 रन का स्कोर पर्याप्त है, जैसे सवाल का जवाब मिल चुका था, हालांकि बैचेनी तब तक खत्म नहीं हुई जब तक कि धोनी की 65 रन की पारी का अजीबोगरीब अंत नहीं हुआ. ग्लेन मैक्सवेल ने हालांकि भारतीय कप्तान को बेहतरीन तरीके से रन आउट किया लेकिन धोनी ने भी इससे बचने के लिये खास प्रयास नहीं किया.
- इनपुट भाषा