बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज में मिली अप्रत्याशित हार के बाद आलोचनाओं के केंद्र में आए महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी छोड़ने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने इस तरह के किसी निर्णय का विरोध किया है.
भारतीय क्रिकेट के लिए कप्तानी छोड़ने को तैयार धोनी
बांग्लादेश के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में छह विकेट से मिली हार के बाद धोनी ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि भारतीय क्रिकेट की सफलता के लिए वह कप्तानी छोड़ने और एक खिलाड़ी के तौर पर योगदान करने के लिए तैयार हैं.
धोनी ने कहा, 'मैं अपनी क्रिकेट का लुत्फ उठा रहा हूं. लेकिन जब पहला सवाल पूछा गया तो मुझे पता था कि यह सवाल भी पूछा जाएगा. इस तरह के सवाल हमेशा सामने आते हैं. मीडिया को मुझसे प्यार है. अगर यह उचित है, अगर आप मुझे हटाते हो और भारतीय क्रिकेट अच्छा करने लगता है और अगर भारतीय क्रिकेट में जो भी बुरा हो रहा है उसके लिए मैं जिम्मेदार हूं तो निश्चित तौर पर मैं पद छोड़कर खिलाड़ी के रूप में खेलने को तैयार हूं.' उन्होंने कहा, 'भारतीय क्रिकेट में जब भी कुछ बुरा होता है तो हमेशा उसके लिए मैं ही जिम्मेदार होता हूं. यहां तक कि बांग्लादेश का मीडिया भी हंस रहा है.'
कुछ भारतीय पूर्व क्रिकेटरों ने धोनी का समर्थन करते हुए कहा है कि उनको कप्तान बनाये रखा जाना चाहिए. पूर्व भारतीय कप्तानों बिशन सिंह बेदी, दिलीप वेंगसरकर और अजित वाडेकर तथा क्रिकेटरों में चेतन चौहान, चंडू बोर्डे, सैयद किरमानी और किरन मोरे ने धोनी का जोरदार समर्थन किया है.
धोनी की झल्लाहट अच्छा संकेत नहीं
वेंगसरकर ने बताया, 'मुझे नहीं लगता कि कोई धोनी का स्थान ले सकता है. उन्होंने हाल ही में भारत को विश्व कप के सेमीफाइनल तक पहुंचाया और यह उसके बाद पहली श्रृंखला है. उन्हें कप्तान बनाये रखा जाना चाहिए.'
भारतीय क्रिकेट पर अपनी स्पष्ट राय रखने वाले बेदी बांग्लादेश में टीम के लचर प्रदर्शन के लिये अकेले धोनी को ही दोषी नहीं मानते. उन्होंने कहा, 'मैं किसी एक खिलाड़ी को दोष नहीं दे रहा हूं. भारत को पूरी टीम के लचर प्रदर्शन के कारण सीरीज गंवानी पड़ी. धोनी की कप्तानी के मसले पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता. यह भी देखो कि उन्होंने मीडिया से जो कुछ कहा वह केवल निराशा में कहा.'
बेदी ने कहा, 'कप्तानी में ऐसा होता है. जब टीम जीत दर्ज करती है तो आपकी तारीफ होती है और हारने पर आलोचना. वह पहले ही टेस्ट कप्तानी छोड़ चुका है. वनडे के बारे में मैं नहीं जानता. लेकिन पहली बार मैंने उसकी झल्लाहट देखी और यह किसी भी तरह से अच्छा संकेत नहीं है.'
वाडेकर ने कहा कि धोनी अब भी वनडे और टी20 में भारत की अगुवाई करने के लिये सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा, 'यह हार हतप्रभ करने वाली है. शायद उन्होंने बांग्लादेश को गंभीरता से नहीं लिया. उन्हें संभवत: वनडे सीरीज की तैयारी के लिये पर्याप्त समय नहीं मिला.'
धोनी की कप्तानी बरकरार रहनी चाहिए
पूर्व विकेटकीपर किरमानी ने भी वनडे टीम की कमान धोनी के पास ही बनाये रखने का समर्थन किया. उन्होंने कहा, 'मैं धोनी को कप्तान बनाये रखने की सिफारिश करूंगा. वह बहुत अच्छा खिलाड़ी है. केवल बांग्लादेश में हार से आप उनके प्रति इतना कड़ा रवैया नहीं अपना सकते. मुझे लगता है कि हमेशा यह माना जाता है कि कप्तान को हटाया जाना चाहिए. ये सब बातें तब होती हैं जब कप्तान सीरीज गंवा देता है या वह खराब फार्म में हो.'
चंदू बोर्डे ने कहा, 'धोनी की कप्तानी बरकरार रखनी चाहिए क्योंकि मेरे अनुसार यह केवल एक उलटफेर है लेकिन इससे उबरने में थोड़ा समय लगेगा. बांग्लादेश ने हमें हैरान किया. हमारे खिलाड़ियों ने जज्बा नहीं दिखाया जबकि बांग्लादेश के खिलाड़ियों के हावभाव लाजवाब थे.' पूर्व सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान ने कहा कि अभी कप्तानी में बदलाव की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं किसी एक श्रृंखला के आधार पर जल्दबाजी में फैसला करने के पक्ष में नहीं हूं. मैं चाहता हूं कि इस सत्र में विराट केवल टेस्ट मैचों में कप्तानी करें. मेरे हिसाब से धोनी को अगले साल भारत में होने वाली विश्व टी20 तक वनडे और टी20 का कप्तान बने रहना चाहिए.'
हार के लिए पूरी टीम जिम्मेदार
पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे ने कहा कि कप्तानी में बदलाव की बात बेतुकी है. उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि धोनी अब भी सर्वश्रेष्ठ है और वह अब भी भारत को काफी कुछ दे सकता है. कोई भी इस तरह की हार से गुजर सकता है. पूरी टीम ही थकी हुई लग रही है. उन्हें यह सोचने की जरूरत है कि खिलाड़ियों के लिये सर्वश्रेष्ठ क्या है.' एक अन्य पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज विजय दहिया ने कहा, ' इस समय वनडे कप्तानी में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है. धोनी जानता है कि परिस्थितियों के अनुसार कैसा खेलना है. मैं चाहता हूं टेस्ट से संन्यास लेने के बाद धोनी अन्य प्रारूपों में बने रहें.'