भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री एक बार फिर से अपने पुराने अंदाज में सभी के सामने नजर आने वाले हैं. रवि शास्त्री इंडियन प्रीमियर लीग के 15वें सीजन से एक बार फिर बतौर क्रिकेट कमेंटेटर औऱ क्रिकेट एक्सपर्ट का रोल अदा करते हुए नजर आएंगे. रवि शास्त्री के साथ सुरेश रैना भी बतौर क्रिकेट कमेंटेटर अपने करियर का आगाज करने वाले हैं.
लंबे समय तक भारतीय टीम के कोच रहे रवि शास्त्री ने कमेंट्री के दौरान भी अपने ढेरों फैन बनाए हैं. कई ऐतिहासिक मौकों पर रवि शास्त्री की आवाज ही भारतीय क्रिकेट फैन्स को याद आती है. अपने क्रिकेट करियर के बाद रवि शास्त्री ने बतौर क्रिकेट कमेंटेटर काफी नाम कमाया है.
एक चैलेंजर के रूप में पहचाने जाने वाले रवि शास्त्री की यह बतौर कमेंटेटर दूसरी पारी होगी. इससे पहले उनकी आवाज भारतीय क्रिकेट फैन्स के लिए युवराज सिंह के स्टुअंर्ट ब्रॉड को 2007 टी-20 विश्व कप में लगाए गए 6 गेंदों में 6 छक्कों के मौके पर भी वह इंग्लिश कमेंटेटर डेविड लॉयड के साथ कमेंटरी में मौजूद थे.
इसी टूर्नामेंट में एक नई और युवा टीम ने दुनिया के बड़े सूरमाओं को धूल चटाते हुए टी-20 विश्व कप में पहली बार जीत दर्ज की थी. पाकिस्तान के खिलाफ इस फाइनल मुकाबले के आखिरी मौके पर भी रवि शास्त्री के शब्द मिस्बाह उल हक के उस स्कूप शॉट की तरह याद आते रहते हैं.
साल 2007 के बाद साल 2010 में भी एक ऐसा ही ऐतिहासिक मौका सबके सामने आया. सचिन तेंदुलकर ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बने थे. जिस वक्त सचिन ने अपना 200वां रन पूरा किया उस वक्त भी रवि शास्त्री कमेंट्री में सुनील गावस्कर के साथ मौजूद थे. शास्त्री ने उस वक्त सचिन को सुपरमैन की उपाधि भी दी थी.
ठीक एक साल बाद भारतीय क्रिकेट फैन्स को 1983 के बाद सबसे बड़ी जीत दर्ज करने का मौका मिला. महेंद्र सिंह धोनी के नुवान कुलाशेखरा को लगाए गए लॉंग ऑन पर छक्के को कई भी फैन नहीं भुला सकता है, उस छक्के के साथ रवि शास्त्री की जबान से निकले शब्द भी सभी के जहन में अभी तक बसे हुए हैं. 'Dhoni... Finishes off in style' ये शब्द उस मौके को याद करते हुए अपने आप ही बाहर आ जाते हैं.
कमेंट्री के अलावा रवि शास्त्री ने बतौर कोच भी टीम इंडिया के ऐतिहासिक मौकों के दर्शक रहे हैं. रवि शास्त्री साल 2014 के अंत में टीम इंडिया के साथ बतौर डायरेक्टर जुड़े थे, जिसके बाद वह साल 2017 में टीम इंडिया के कोच भी बने.