गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ खेलों के पहले दिन पूरे देश को मीराबाई चानू से गोल्ड मेडल की उम्मीद थी और चानू ने देशवासियों को निराश नहीं किया. अपने दमदार प्रदर्शन के बूते देश को शाही अंदाज में गोल्ड मेडल का तोहफा दिया. इसके साथ ही चानू ने अपने कोच विजय कुमार से किए वादे को भी पूरा किया. चानू के 48 किलो वर्ग में कुल 196 किलो का वजन उठाकर गोल्ड जीता. इससे पहले चानू ने 2014 में ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था.
चानू ने कॉमनवेल्थ रिकॉर्ड बनाया
चानू के कोच विजय इस मुकाबले को एशियन गेम्स की तैयारियों के तौर पर देख रहे हैं. अगस्त 2018 के एशियन गेम्स जकार्ता में होने हैं. चानू के प्रदर्शन ने उम्मीदों को नई दिशा दी है. देश की नंबर एक वेटलिफ्टर चानू मैदान पर पूरे दमखम के साथ उतरी थीं. क्लीन एंड जर्क में भी पहले प्रयास में 103, दूसरे प्रयास में 107 और तीसरे प्रयास में 110 किलोग्राम वजन उठाकर दो बार अपना ही रिकॉर्ड बनाकर तोड़ा. चानू ने मेडल काफी अंतर ने अपने नाम किया. यह उनका भी अब तक का बेस्ट प्रदर्शन है.
कॉमनवेल्थ खेलों में वेटलिफ्टिंग के इवेंट में 48 किलोग्राम की कैटेगरी में भारत का रिकॉर्ड बहुत बेहतर रहा है. 2002 के मैनचेस्टर गेम्स में इसे जब शामिल किया गया था, तब भारत की एम कुंजारानी ने 2002 और 2006 के कॉमनवेल्थ गेम्स में इस कैटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल किया था.