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मंगल के केंद्र में क्या है? वैज्ञानिकों ने लगाया पता...अब जान पाएंगे पृथ्वी और लाल ग्रह में अंतर

हाल ही में किए गए एक शोध से वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है कि मंगर के कोर में क्या है. इससे मिली जानकारी से वैज्ञानिक मंगल के इतिहास को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और यह भी पता लगा सकते हैं कि यह पृथ्वी से अलग क्यों है.

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वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है कि मंगल का कोर पृथ्वी के कोर से किस तरह अलग है (Photo: NASA)
वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है कि मंगल का कोर पृथ्वी के कोर से किस तरह अलग है (Photo: NASA)

मंगल ग्रह (Mars) पर गड़गड़ाते भूकंप देखे जाते हैं. जिससे वैज्ञानिकों ने यह पता लगाने का फैसला किया कि मंगल का दिल, यानी कोर (Core) आखिर किस चीज से बना है. हाल ही में किए गए एक शोध से वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है कि मंगर के कोर में क्या है.

नासा (Nasa) के इनसाइट लैंडर (InSight lander) ने चार साल तक लाल ग्रह के अंदरूनी हिस्सों को मॉनिटर किया था. इससे मिले सेस्मिक डेटा के मुताबिक, मंगल का केंद्र एक लिक्विड आयरन एलॉय है, जिसमें बड़ी मात्रा में सल्फर और ऑक्सीजन मिला हुआ है.

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 मंगल ग्रह को वैज्ञानिकों ने और गहराई से जाना (Photo: Getty)

इस जानकारी से वैज्ञानिक मंगल के इतिहास को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और यह जान सकते हैं कि यह पृथ्वी से अलग क्यों है, मंगल ग्रह शुष्क, बेजान धूल का गोला है जबति पृथ्वी हरी-भरी. 

मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के भूविज्ञानी वेदरन लेकिक (Vedran Lekic) का कहना है कि 1906 में, वैज्ञानिकों ने पहली बार पृथ्वी के कोर की खोज की थी. सौ साल से भी ज़्यादा समय के बाद, हम भूकंपीय तरंगों के अपने ज्ञान को मंगल ग्रह पर लागू कर रहे हैं.

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इनसाइट लैंडर ने चार साल तक लाल ग्रह के अंदरूनी हिस्सों को मॉनिटर किया था (Photo: Getty)

मंगल के आंतरिक भाग को मॉनिटर करने के दौरान, इनसाइट ने बहुत ही कम समय में सैकड़ों भूकंपों का पता लगाया, जिससे हमें मंगल ग्रह के अंदर के हिस्से के बारे में जानकारी मिली. इससे, वैज्ञानिक मंगल के कोर के पहले विस्तृत मानचित्र को कंपाइल कर पाए और मंगल की आंतरिक गतिविधि की स्थिति के बारे में ज़्यादा जान पाए. 

पृथ्वी के कोर की बात करें, तो इसका बाहरी बाहरी कोर तरल है, इनर कोर ठोस है और फिर एक सबसे अंदर का इनर कोर और भी सघन है. शोधकर्ताओं को पता लगा कि पृथ्वी के कोर से अलग, मंगल का कोर हर तरफ से तरल है. और मंगल के आंतरिक कोर में काफी मात्रा में हल्के तत्व मिले हुए हैं. इसके वजन का लगभग पांचवां हिस्सा इन तत्वों से बना है, खासकर सल्फर और कुछ मात्रा में ऑक्सीजन, कार्बन और हाइड्रोजन.

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 मंगल का कोर पृथ्वी की तुलना में कम घना है (Photo: NASA)

इसका मतलब है कि कोर पृथ्वी के कोर की तुलना में कम घना और ज़्यादा संकुचित है, जिससे वैज्ञानिक दोनों ग्रहों के बीच के अंतर को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे. 

हम जानते हैं कि मंगल के पास ग्लोबल मैग्नेटिक फील्ड नहीं है. पृथ्वी पर, चुंबकीय क्षेत्र वातावरण और पानी को अंतरिक्ष में लीक होने से बचाने में मदद करता है. पृथ्वी के कोर में जियोडाइनेमो (geodynamo) प्रभाव उत्पन्न होता है. गर्मी इनर कोर से आउटर कोर तक चलती है, जो करंट पैदा करती है और ग्रह के घूर्णन के प्रभाव में पैटर्न में बदल जाती हैं. इसी से चुंबकीय क्षेत्र बनाता है और बना रहता है.

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पिछला शोध में वैज्ञानिकों ने बताया था कि मंगल के कोर में हल्के तत्वों की उपस्थिति ने इसके डायनेमो और चुंबकीय क्षेत्र को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई होगी. अब हमारे पास इस बारे में काफी जानकारी है कि वास्तव में वहां क्या है, ताकि वैज्ञानिक मंगल ग्रह के इतिहास को ज़्यादा बेहतर तरीके से रीकंस्ट्रक्ट कर सकें. इस शोध को प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित किया गया है.


 

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