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Omicron संक्रमण है या नहीं, IIT दिल्ली की जांच प्रणाली 90 मिनट में बताएगी रिजल्ट!

ओमिक्रॉन के मामले धीरे-धीरे करके देश में बढ़ रहे हैं. अब तक 45 मामले आ चुके हैं. इस बीच आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज के शोधकर्ताओं ने ओमिक्रॉन संक्रमण की पहचान के लिए RT-PCR आधारित जांच प्रणाली विकसित की है.

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IIT Delhi ने विकसित की ओमिक्रॉन की पहचान करने वाली तकनीक. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
IIT Delhi ने विकसित की ओमिक्रॉन की पहचान करने वाली तकनीक. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जांच के रिजल्ट आने में तीन दिन नहीं लगेंगे.
  • पहले भी IIT दिल्ली बना चुका है जांच किट.
  • पेटेंट करने के लिए एप्लीकेशन भेजा गया.

ओमिक्रॉन के मामले धीरे-धीरे करके देश में बढ़ रहे हैं. अब तक 45 मामले आ चुके हैं. इस बीच आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज के शोधकर्ताओं ने ओमिक्रॉन संक्रमण की पहचान के लिए RT-PCR आधारित जांच प्रणाली विकसित की है. 

ओमिक्रॉन (Omicron) यानी B.1.1.529.1 वैरिएंट की जांच के लिए ये प्रणाली कारगर होने का दावा किया जा रहा है. कोरोना के इस वैरिएंट ने काफी ज्यादा म्यूटेशन किए हैं. IIT दिल्ली के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित RT-PCR आधारित जांच प्रणाली इन म्यूटेशन को पहचानने में मदद करेगी. इस नई प्रणाली में ऐसी तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे यह पता चलेगा कि स्वैब में मौजूद वायरस के S Gene में कोई बदलाव है या नहीं. या फिर यह ओमिक्रॉन से पहले आए वैरिएंट्स में से कोई एक है. 

IIT दिल्ली द्वारा विकसित जांच प्रणाली में सिंथेटिक डीएनए फ्रैगमेंट्स का उपयोग किया गया है, जो ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रकार की गणना 107 से

इस जांच प्रणाली का उपयोग रैपिड स्क्रीनिंग के लिए भी किया जा सकता है, ताकि संक्रमित लोगों को पहचान कर उन्हें आइसोलेट किया जा सके. IIT दिल्ली ने इंडियन पेटेंट के लिए एप्लीकेशन भी दिया है. अब ऐसी संस्थाओं से बात कर रही है, ताकि इस जांच प्रणाली का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सके. इससे पहले भी IIT दिल्ली को ICMR से RT-PCR किट बनाने का अप्रूवल मिला था. वह किट बाजार में जांच के लिए उपयोग में लाई भी गई थी. 

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