scorecardresearch
 

एक्वामैन... क्रोएशिया के विटोमिर मारिसिक ने 29 मिनट 3 सेकेंड पानी में सांस रोक कर बनाया रिकॉर्ड

क्रोएशियाई फ्रीडाइवर विटोमिर मारिसिक ने पानी के अंदर बिना सांस लिए 29 मिनट 3 सेकेंड बिताए. उन्होंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा. पिछले रिकॉर्ड से 5 मिनट ज्यादा. दर्द और मानसिक संघर्ष के बावजूद सफल हुए. डॉक्टर ने कहा इस रिकॉर्ड से मेडिकल में नई संभावनाएं. अब 160 मीटर गहराई का लक्ष्य पूरा करना है.

Advertisement
X
ये है विटोमिर मारिसिक जो पूल में पानी के अंदर सांस रोक कर बैठे हैं. (Photo: AFP)
ये है विटोमिर मारिसिक जो पूल में पानी के अंदर सांस रोक कर बैठे हैं. (Photo: AFP)

कल्पना कीजिए, आप पानी के अंदर 29 मिनट से ज्यादा समय तक सांस रोके रहें. न सांस लें. न हिलें-डुलें.  क्रोएशिया के 40 साल के फ्रीडाइवर विटोमिर मारिसिक ने यही कर दिखाया. पानी के नीचे सांस रोककर 29 मिनट और 3 सेकंड रुके और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया. यह पिछले रिकॉर्ड से लगभग 5 मिनट ज्यादा है.

होटल के छोटे पूल में चेहरे को नीचे करके लेटे रहे. ऊपर उनके डॉक्टर और दोस्त चिंता से घिरे थे. मारिसिक कहते हैं कि यह मेरी जिंदगी का सबसे कठिन पल था. दर्द इतना था कि बीच में हार मानने का मन कर गया. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

यह भी पढ़ें: पाताल में जा रही भारतीय टेक्टोनिक प्लेट... तिब्बत के नीचे दो हिस्सों में टूट रही, वैज्ञानिकों ने दी ये चेतावनी

रिकॉर्ड तोड़ने का दिन: दर्द और जज्बे की जंग

ओपाटिजा शहर के एक होटल के पूल में यह चमत्कार हुआ. मारिसिक ने कोशिश से पहले 10 मिनट तक शुद्ध ऑक्सीजन की सांस ली, ताकि उनके खून में ज्यादा ऑक्सीजन भर जाए. फिर वे पूल में उतरे—चेहरे को नीचे, बिना हिले. उनके शरीर ने सैकड़ों बार झटके दिए, जैसे दर्द से तड़प रहा हो. दिमाग ने भी साथ छोड़ने की कोशिश की.

Advertisement

मारिसिक बताते हैं कि सब कुछ मुश्किल लग रहा था. मैं पूरी तरह अलग हो गया, जैसे खुद वहां न हो. बीच में सोचा, बस छोड़ दूं. लेकिन जीत का ख्याल आया. जब वे सतह पर आए, तो तालियां बजीं. रिकॉर्ड 29 मिनट 3 सेकंड का. यह पुराने रिकॉर्ड से 4 मिनट 58 सेकंड ज्यादा था.

सांस की बीमारियों के इलाज में करेगा मदद

डॉक्टर इगोर बार्कोविच, जो हाइपरबैरिक मेडिसिन के विशेषज्ञ हैं, वहां मौजूद थे. वे कहते हैं कि यह आधुनिक चिकित्सा के लिए नया है. हम नहीं जानते थे कि इंसान इतना समय बिना ऑक्सीजन के कैसे रह सकता है. लेकिन यह मरीजों के लिए नई उम्मीद खोल सकता है- जैसे सांस की बीमारियों में मदद.

यह भी पढ़ें: न पटाखे-न पराली... फिर भी क्यों नहीं कम हो रहा दिल्ली का प्रदूषण? मौसम वैज्ञानिक क्या बता रहे कारण

रिकॉर्ड के बाद मारिसिक को पेट से थोड़ा खून आया और सिरदर्द हुआ, लेकिन जल्दी ठीक हो गए. कोई लंबा नुकसान नहीं. वे कहते हैं कि मेरा शरीर मजबूत है, लेकिन यह सीमा पार करने जैसा था.

Guinness World Record breath-hold

फ्रीडाइविंग क्या है? विज्ञान के साथ खेल

फ्रीडाइविंग मतलब बिना सांस के उपकरण के गहरे पानी में उतरना. मारिसिक जैसे लोग इसे खेल बनाते हैं. कोशिश से पहले शुद्ध ऑक्सीजन लेना 'हाइपरॉक्सिया' कहलाता है, जो खून को ऑक्सीजन से भर देता है. लेकिन पानी में दबाव बढ़ता है. सांस लेना मुश्किल होता है. शरीर 'मैमलियन डाइविंग रिफ्लेक्स' नाम की प्रक्रिया चालू कर देता है- दिल धीमा हो जाता है, खून ऑक्सीजन बचाता है.

Advertisement

मारिसिक कहते हैं कि पानी में उतरते ही दिमाग एक 'जोन' में चला जाता है. सारी चिंताएं भूल जाते हैं. शुरुआती कोर्स में ही छात्र सीख जाते हैं कि फोकस कहां रखना है. वे खुद 9 साल से कॉम्पिटिटिव फ्रीडाइविंग कर रहे हैं. उनके पास कई अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग और क्रोएशिया के नेशनल रिकॉर्ड हैं.

यह भी पढ़ें: वहम कर लें दूर... हम धरती पर नहीं जन्मे, अंतरिक्ष से आए हैं! इस नई खोज ने किया शॉक

अगला लक्ष्य: दुनिया का सबसे गहरा डाइव तोड़ना

रिकॉर्ड तोड़ने के बाद मारिसिक रुकने वाले नहीं. वे अब रूस के एलेक्सी मोलचानोव का रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी कर रहे हैं. मोलचानोव ने वेरिएबल वेट फ्रीडाइव में 156 मीटर (512 फीट) गहराई छुई. मारिसिक 160 मीटर का लक्ष्य रख चुके हैं, जो दो साल में हासिल करेंगे. वे रिजेका शहर के पूल से कहते हैं कि हर बार लगता है, मैंने सब कुछ कर लिया. लेकिन नई खिड़की खुल जाती है. दबाव सहना होगा, फिटनेस बढ़ानी होगी.

Guinness World Record breath-hold

मारिसिक क्रोएशिया की AIDA (इंटरनेशनल फ्रीडाइविंग बॉडी) के ब्रांच हेड हैं. खेल में राइवलरी भी है- दूसरी बॉडी ने कभी उन पर गलत आरोप लगाए, लेकिन मारिसिक ने डोपिंग टेस्ट पास कर साफ किया. वे कहते हैं कि मैं कभी हार नहीं मानता.

Advertisement

बचपन से समुद्र का दीवाना: पर्यावरण की रक्षा का संकल्प

क्रोएशिया के तट पर बड़ा होने से मारिसिक को समुद्र का प्यार 3 साल की उम्र से हो गया. एड्रियाटिक सागर में वे बचपन से डाइव करते थे. अब वे हाई-परफॉर्मेंस स्पोर्ट्स के दीवाने हैं. लेकिन गहराई में उतरते हुए उन्होंने समुद्र के बदलाव देखे. वे कहते हैं कि मेरा बचपन का समुद्र अब 'भयानक' हो गया है. जीव-जंतु मर रहे हैं, प्रदूषण बढ़ रहा.

यह भी पढ़ें: अंतरिक्ष में हुए हादसे में तारे की मौत! 10 अरब साल बाद आज भी जिंदा है 'आत्मा'

मारिसिक सी शेफर्ड नाम के संगठन के एंबेसडर हैं, जो समुद्र संरक्षण करता है. वे चेतावनी देते हैं कि अगर हम जागरूक न हुए, तो भविष्य अंधेरा है. 50-100 साल नहीं, अगले 10 सालों में ही बड़ा बदलाव आएगा. हमें अब जीवों की रक्षा करनी होगी.

सीमाओं से परे इंसान की ताकत

विटोमिर मारिसिक की कहानी बताती है कि इंसान की हदें क्या होती हैं. दर्द, डर और थकान के बीच भी जीत संभव है. डॉक्टर कहते हैं कि यह रिकॉर्ड मेडिसिन को नई दिशा देगा. मारिसिक जैसे लोग न सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ते हैं, बल्कि समुद्र को बचाने की मिसाल भी देते हैं. अगली डाइव में वे 160 मीटर छुएंगे- देखते हैं, फिर क्या कमाल होता है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement