अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य में पिछले कुछ घंटों में अजीबो-गरीब हालात पैदा हो गए हैं. सिंथेटिक गांजा (Synthetic Marijuana) यानी स्पाइस (Spice) का सेवन करने से लोगों को गंभीर स्तर की ब्लीडिंग का सामना करना पड़ रहा है. फ्लोरिडा के टांपा बे (Tampa Bay) इलाके में करीब 40 लोग स्पाइस का सेवन करने के बाद ब्लीडिंग की समस्या से जूझ रहे हैं. उन्हें तत्काल अलग-अलग अस्पतालों की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है. (फोटोः गेटी)
सिंथेटिक गांजा (Synthetic Marijuana) यानी स्पाइस (Spice) को K2 के नाम से भी जाना जाता है. इसे दुनियाभर में कई अन्य नामों से भी पुकारा या जाना जाता है. इसमें बे बीन (Bay Beans) होते हैं जिनके ऊपर कैनाबिनॉयड्स (Cannabinoids) का छिड़काव किया जाता है. जिसकी वजह से इसका सेवन करने वाले के शरीर में टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल THC (tetrahydrocannabinol) मिल जाता है. (फोटोः गेटी)
फ्लोरिडा पॉयजन कंट्रोल सेंटर्स के मुताबिक टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल THC (tetrahydrocannabinol) एक तरह का साइकोएक्टिव (Psychoactive) पदार्थ है जो आपके दिमाग से नियंत्रण हटा देता है. शरीर के कई अंगों की कार्यप्रणाली को धीमा कर देता है. सिंथेटिक गांजे में मिलाए जाने वाले ज्यादातर पदार्थ अमेरिका में अवैध हैं. इनकी खरीद-फरोख्त गैरकानूनी है. लेकिन इसके बावजूद ऐसे मामले सामने आते रहते हैं. (फोटोः गेटी)
फ्लोरिडा पॉयजन इनफॉर्मेशन सेंटर्स द्वारा 6 दिसंबर को एक फेसबुक पोस्ट डाला गया था. जिसमें पहली बार स्पाइस सेवन की वजह से फ्लोरिडा के हिल्सबोरो काउंटी में गंभीर ब्लीडिंग के मामले सामने आए थे. गंभीर रूप से ब्लीडिंग का आखिरी मामला 13 दिसंबर को रिपोर्ट किया गया है. जब जांच की गई तो हैरान करने वाले नतीजे सामने आए. कुछ स्पाइस (Spice) में चूहों को मारने वाली दवाओं का छिड़काव भी किया गया था. (फोटोः गेटी)
हालांकि, इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि कैसे स्पाइस (Spice) में चूहों को मारने वाली दवा का मिश्रण किया गया. साइंटिफिक अमेरिकन जर्नल के मुताबिक साल 2018 में इसी तरह का स्पाइस आउटब्रेक हुआ था. उस समय भी स्पाइस (Spice) का असर बढ़ाने के लिए उसमें चूहों को मारने वाली दवा मिलाई गई थी. लिवर में मौजूद एंजाइम जब चूहे की दवा को तोड़ते हैं, उस समय स्पाइस के सक्रिय रसायन शरीर की प्रक्रियाओं को धीमा कर देते हैं. इससे ब्लीडिंग होती है. लेकिन इस बार ऐसा क्यों हो रहा है, यह अभी पता नहीं चल पाया है. (फोटोः गेटी)
टांपा फ्लोरिडा पॉयजन कंट्रोल इन्फॉर्मेशन सेंटर के को-मैनेजिंग डायरेक्टर अल्फ्रेड एलगुआस ने कहा कि 40 मामलों में कॉमन बात ये थी कि सबने स्पाइस (Spice) फूंका था. यानी सिंथेटिक गांजे का सेवन किया था. हमारे पास अब प्रयोगशाला से भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है. मरीजों के शरीर में मिले स्पाइस के रसायनों के साथ चूहे मारने की दवा भी मिली थी. चूहे मारने की दवा एंटीकॉगुलेंट (Anticogulant) का काम करती है. यानी यह ब्लड क्लॉटिंग की प्रक्रिया को रोक देती है. (फोटोः गेटी)
अल्फ्रेड ने बताया कि जिन 40 लोगों में ये मामले सामने आए हैं, उनमें से ज्यादातर ने स्पाइस (Spice) का सेवन किया था. उसके बाद उनके शरीर में पहले से लगे चोटों-खरोंचों से खून बहने लगा, नाक से खून आने लगा, मसूड़ों से खून निकलने लगा, माहवारी तेज हो गई, खून की उलटियां होने लगी और यहां तक कि पेशाब और मल से भी खून बाहर आने लगा. (फोटोः गेटी)
अल्फ्रेड ने बताया कि अभी तक इसकी वजह से किसी की मौत नहीं हुई है लेकिन लोगों की हालत खराब जरूर है. कुछ लोगों को शुरुआती इलाज के फायदा हुआ तो वो चले गए. लेकिन उन्हें वापस ब्लीडिंग के लक्षण दिखाई पड़े तो वापस अस्पतालों की ओर लौटे. साल 2018 में टांपा बे इलाके का एक नागरिक स्पाइस (Spice) संबंधी आउटब्रेक में मारा गया था. तब करीब 300 से ज्यादा लोग बीमार हुए थे. (फोटोः गेटी)
पॉयजन कंट्रोल सेंटर ने आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट कर दिया है. साथ ही उन्हें हर नए केस की जानकारी देने का निर्देश दिया गया है. ताकि ज्यादा बेहतर मॉनिटरिंग की जा सके. टॉक्सिकोलॉजिस्ट और जहर विशेषज्ञ अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं. (फोटोः गेटी)