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Santoshi Mata Aarti: शुक्रवार के दिन करें मां संतोषी की आरती, दूर होंगे जीवन के सभी दुख

Santoshi Mata Aarti: शुक्रवार के दिन माता संतोषी की उपासना भी की जाती है. मां संतोषी का पूजन करने से मन को शांति मिलती है और जीवन के दुखों से छुटकारा भी मिलता है. शास्त्रों के अनुसार मां संतोषी की पूजा और व्रत लगातार 16 शुक्रवार तक किया जाता है. आइए सुनते हैं मां संतोषी की आरती.

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संतोषी माता की आरती
संतोषी माता की आरती

Santoshi Mata Aarti: सुख-संतोष की देवी मां के पिता गणेश और माता रिद्धि-सिद्धि हैं. रिद्धि-सिद्धि धन, धान्य, सोना, चांदी, मूंगा, रत्नों से भरा परिवार होने के कारण इन्हें प्रसन्नता, सुख-शान्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति करने की देवी भी माना गया है. सुख-सौभाग्य की कामना से माता संतोषी के 16 शुक्रवार तक व्रत किए जाने का विधान है.

संतोषी माता आरती

जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता। 
अपने सेवक जन को, सुख संपति दाता॥ 
जय सुंदर चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो। 
हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हो॥ 

जय गेरू लाल छटा छवि, बदन कमल सोहे। 
मंद हंसत करूणामयी, त्रिभुवन जन मोहे॥ 
जय स्वर्ण सिंहासन बैठी, चंवर ढुरे प्यारे। 
धूप, दीप, मधुमेवा, भोग धरें न्यारे॥

जय गुड़ अरु चना परमप्रिय, तामे संतोष कियो। 
संतोषी कहलाई, भक्तन वैभव दियो॥ 
जय शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही। 
भक्त मण्डली छाई, कथा सुनत मोही॥ 

जय मंदिर जगमग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई। 
विनय करें हम बालक, चरनन सिर नाई॥ 
जय भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै। 
जो मन बसे हमारे, इच्छा फल दीजै॥ 

जय दुखी, दरिद्री ,रोगी , संकटमुक्त किए। 
बहु धनधान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिए॥ 
जय ध्यान धर्यो जिस जन ने, मनवांछित फल पायो। 
पूजा कथा श्रवण कर, घर आनंद आयो॥

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जय शरण गहे की लज्जा, राखियो जगदंबे।
संकट तू ही निवारे, दयामयी अंबे॥
जय संतोषी मां की आरती, जो कोई नर गावे।
ॠद्धिसिद्धि सुख संपत्ति, जी भरकर पावे॥ 

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