धर्म के इस विशेष प्रकरण में देखें सेहत के देवता की यानि भगवान धनवंतरि को जिन्होंने आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के साथ ही इसे जन-जन तक पहुंचाया. जब समुद्र मंथन हो रहा था तब सागर की अतल गहराइयों से चौदह रत्न निकले थे. धन्वंतरि इन्हीं रत्नों मे से एक हैं. जब देवता और दानव मंदार पर्वत से समुद्र का मंथन कर रहे थे. तब तेरह रत्नों के बाद चौदहवें रत्न के रूप में धन्वंतरि सामने आए. जो अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे. धन्वंतरि अमृत यानी जीवन का वरदान लेकर प्रकट हुए थे और इन्हें आयुर्वेद जगत का प्रणेता और वैद्यक शास्त्र का देवता माना जाता है. इसलिए ऋषि मुनी इन्हें आरोग्य का देवता मानते थे. साथ में जानिए आयुर्वेद की शक्ति और महत्व.