नवदुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की आराधना नवरात्रि के पांचवें दिन की जाती है. कहते हैं मां स्कंदमाता की उपासना से सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं. परम शांति और सुख का अनुभव होने लगता है. सबसे पहले जानिए, नवरात्रि के पांचवें दिन का महत्व क्या है. नवरात्रि का पांचवां दिन संतान से सम्बन्ध रखता है. इस दिन संतान की उन्नति, संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है. इस दिन नवदुर्गा के पांचवें स्वरुप स्कंदमाता की पूजा की जाती है. स्कंदमाता की पूजा से संतान की प्राप्ति सरलता से हो सकती है. इसके अलावा संतान से कोई कष्ट हो रहा हो तो कष्ट का अंत हो जाएगा. स्कंदमाता की पूजा में पीले फूल अर्पित करें और पीली चीज़ों का भोग लगाएं. अगर पीले वस्त्र धारण किए जाएं तो पूजा के परिणाम अति शुभ होंगे. देखिए धर्म.