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जानें, क्या है हरियाली तीज का महत्व? ऐसे करें पूजा

हरियाली तीज पर अमर सुहाग और मनचाहा वर के लिए भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना की जाती है. आइए जानते हैं सम्पूर्ण लाभ के लिए इस दिन किस तरह पूजा करनी चाहिए.

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हरियाली तीज
हरियाली तीज

इस बार हरियाली तीज 13 अगस्त को मनाई जाएगी. तीज का त्यौहार श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को सौभाग्य और मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है. श्रावण में होने के कारण, जबकि चारों तरफ हरियाली होती है, इसको हरियाली तीज कहा जाता है. माना जाता है कि इसी दिन मां पार्वती ने भगवान शिव को अपनी कठोर तपस्या से प्राप्त किया था. वृक्ष, नदियों तथा जल के देवता वरुण की भी उपासना इस दिन की जाती है. इस दिन संयुक्त रूप से भगवान शिव और पार्वती की उपासना करनी चाहिए.

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शीघ्र विवाह से इसका क्या संबंध है ?

- वास्तव में तीज का संबंध शीघ्र विवाह से ही है.

- अविवाहित कन्याओं को इस दिन उपवास रखकर हर-गौरी की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए.

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- कुंडली में कितने भी बाधक योग क्यों न हों, इस दिन की पूजा से नष्ट किए जा सकते हैं.

- इसका सम्पूर्ण लाभ तभी होगा, जब अविवाहिता इस उपाय को स्वयं करें.

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इस दिन का पूजा विधान क्या है ?

- इस दिन दिनभर उपवास रखना चाहिए तथा श्रृंगार करना चाहिए.

- श्रृंगार में मेहंदी और चूड़ियों का जरूर प्रयोग करना चाहिए.

- सायंकाल शिव मंदिर जाकर भगवान शिव और मां पार्वती की उपासना करनी चाहिए.

- वहां पर घी का बड़ा दीपक जलाना चाहिए.

- संभव हो तो मां पार्वती और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें.

- पूजा समाप्ति के बाद किसी सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग की वस्तुएं दान करनी चाहिए तथा उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.

- इस दिन काले और सफेद वस्त्रों का प्रयोग करना वर्जित माना जाता है. हरा और लाल रंग सबसे ज्यादा शुभ होता है.

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