सूर्य अग्नि प्रधान ग्रह है और माणिक्य उसका प्रमुख रत्न है. यह कुरुंदा समूह का रत्न है और मुख्य रूप से एल्युमीनियम ऑक्साइड है. यह अत्यधिक शक्तिशाली है, और आंखों, हड्डियों, ह्रदय तथा नाम- यश पर सीधा असर डालता है. वैसे तो माणिक्य कई रंगों का होता है, लेकिन गुलाबी रंग का माणिक्य सर्वोत्तम होता है. यह तुरंत प्रभावशाली होने वाला रत्न है.
माणिक्य के लाभ और नुक्सान क्या हैं?
- लाभ होने पर चेहरा चमकने लगता है और आत्मविश्वास बढ़ जाता है.
- राजकीय कार्य और प्रशासन में विशेष लाभ होता है.
- पिता और परिवार से रिश्ते अच्छे होने लगते हैं.
- अगर नुक्सान करे तो लगातार सर दर्द होने लगता है.
- हड्डियों में और आंखों में समस्या होने लगती हैं.
- अपयश की तथा पारिवारिक जीवन की समस्याएं होने लगती हैं.
माणिक्य धारण करने के नियम और सावधानियां क्या हैं?
- माणिक्य गुलाबी या लाल रंग का पारदर्शी होना चाहिए.
- इसको सोने या ताम्बे में पहनना चाहिए.
- इसको अनामिका अंगुली या गले में रविवार को दोपहर को धारण करना चाहिए.
- इसके साथ हीरा, ओपल, नीलम और गोमेद न पहनें.
- माणिक्य के साथ पीला पुखराज धारण करना सर्वोत्तम होता है.
किन लोगों को माणिक्य धारण करना चाहिए?
- अगर कुंडली दिखाकर धारण करें तो सबसे बढ़िया हो.
- मेष, सिंह और धनु लग्न में माणिक्य सर्वोत्तम होता है.
- कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न में साधारण परिणाम देता है.
- वृषभ लग्न में विशेष दशाओं में माणिक्य धारण कर सकते हैं.
- अगर कुंडली नहीं है तो जरूरत के अनुसार माणिक्य धारण करें, परन्तु पहले इसकी जांच कर लें.
- अक्सर डार्क काम्प्लेक्शन वाले लोगों को माणिक्य लाभ देता है.
किन लोगों को माणिक्य धारण नहीं करना चाहिए?
- कन्या, मकर, मिथुन, तुला और कुम्भ लग्न में माणिक्य धारण करना खतरनाक हो सकता है.
- जिन लोगों को उच्च रक्तचाप या ह्रदय रोग है उन्हें बहुत सोच समझकर ही माणिक्य पहनना चाहिए.
- जिन लोगों का सम्बन्ध पिता के साथ ठीक नहीं है, उन्हें भी माणिक्य नुक्सान कर सकता है.
- जो लोग शनि से सम्बंधित क्षेत्रों में हैं, उन्हें भी माणिक्य धारण नहीं करना चाहिए.