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चंद्रग्रहण: बढ़ते जल स्तर के बावजूद गंगा तट पर सैकड़ों श्रद्धालु

27 जुलाई को 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण होने वाला है. ये खग्रास चंद्रग्रहण है यानी पूर्ण चंद्रग्रहण. दुनियाभर के लिए यह एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

चंद्रग्रहण को देखते हुए शुक्रवार को इलाहाबाद में भी श्रद्धालुओं का तांता नजर आया. संगम पर गंगा का जलस्तर के बढ़ने के बावजूद सदी के सबसे बड़े चंद्रग्रहण को देखने के लिए लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा है. एक तो गुरु पूर्णिमा और दूसरा चंद्रग्रहण श्रद्धालु इसे एक संयोग की संज्ञा दे रहे हैं.

शुक्रवार रात 11 बजकर 54 मिनट से 3:49 तक ये चंद्रग्रहण रहेगा, जो कि पूर्ण चंद्रग्रहण होगा. संगम के तट पर गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान करने आए श्रद्धालुओं के लिए यह सुखद नजारे जैसी चीज है.

बता दें कि किसी भी ग्रहण को यूं तो लोग अभिशप्त मानते हैं, लेकिन इलाहाबाद  के लोग चंद्रग्रहण को अभिशप्त के बजाए फलदायी बताते हैं.

निरंजनी अखाड़े के महंत आनंद गिरी सबसे बड़ा चंद्रग्रहण फलदाई होगा. ज्यादातर लोगों को उनके कुंडली के हिसाब से इसका प्रभाव देखने को मिलेगा लेकिन यह अच्छा होगा.

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चंद्रग्रहण के पहले सूतक मानते हुए सभी मंदिरों के कपाट को बंद कर दिए गए. सूतक चंद्रग्रहण के 9 घंटे पहले होता है. जब सभी मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं. हालांकि श्रद्धालु मंदिरों में भी दर्शन करते हैं संगम किनारे बड़े हनुमान के मंदिर 'इंडिया टुडे' की टीम को कई ऐसे श्रद्धालु मिले जो बंद मंदिर मेें भी श्रद्धा से अपना माथा टेक रहे थे.

हालांकि, संगम किनारे बड़े हनुमान  का मंदिर दिन के 2 बजे ही बंद हो चुका था. शाम को संगम पर होने वाली आरती दिन में 12:30 बजे कर ली गई क्योंकि चंद्रग्रहण के करीब 9 घंटे पहले कोई पूजा पाठ या अनुष्ठान नहीं होता.

संगम पर गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. गंगा के किनारे सैकड़ों की तादाद में लोग चंद्रग्रहण के वक्त साधना करेंगे और चंद्रग्रहण खत्म होते ही संगम में स्नान करेंगे. लेकिन खगोलविदों के लिए और वैज्ञानिकों के लिए यह चंद्रग्रहण अद्भुत होगा.

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