Chanakya Niti Hindi: साकारात्मक सोच के साथ जीवन जीने वाला व्यक्ति हमेशा सफलता को प्राप्त करता है. आचार्य चाणक्य ने भी किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानी और अपने जीवन में वो साकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते रहे. उन्होंने अपनी नीतियों के बल पर एक छोटे से बालक चंद्रगुप्त को अखंड भारत का सम्राट बना डाला. उनकी नीतियां मनुष्य के जीवन में हमेशा मददगार रही हैं. वो अपने नीति शास्त्र यानी चाणक्य नीति में ऐसी कुछ आदतों के बारे में बताते हैं जिन्हें मनुष्य को हमेशा के लिए छोड़ देना चाहिए. इन आदतों के साथ जीने वाले व्यक्ति को कभी सुख की प्राप्ति नहीं हो पाती....
धन का गलत इस्तेमाल- जिन लोगों को खुद के पैसों पर घमंड होता है और वो इसका इस्तेमाल दूसरों को नुकसान पहुंचाने के कामों के लिए करते हैं, ऐसे व्यक्ति कभी सफल नहीं हो पाते. इन्हें बुरे लोगों की श्रेणी में रखा जाता है. ये लोग न तो समाज के करीब हो पाते हैं और न ही कोई इन्हें कोई सम्मान मिलता है. लोग ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखते हैं. इसलिए हमें अपने धन का इस्तेमाल किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि कल्याण और अपने विकास के लिए करना चाहिए.
बुराई - समाज में दूसरे लोगों की बुराई करने की आदत को गलत माना गया है. चाणक्य भी इस आदत को सबसे खराब आदतों में से एक मानते हैं. वो कहते हैं कि व्यक्ति को दूसरे की बुराई नहीं करनी चाहिए. ऐसे लोग स्वार्थी होते हैं और कभी किसी का भला नहीं सोचते. इनके अंदर नकारात्मक ऊर्जा होती है. बुराई की भावना से ओत-प्रोत व्यक्ति के अंदर से इंसानियत खत्म हो जाती है. अंत में ऐसे लोगों को समाज बहिष्कार कर देता है और ये बर्बाद हो जाते हैं.
झूठ- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि झूठ के सहारे धन और लाभ अर्जित करने वाले लोग कभी सुखी नहीं रह पाते. यह एक बुरी आदत है जिसके द्वारा किया जाने वाले काम का परिणाम हमेशा बुरा ही होता है. झूठ बोलने वाले लोग कभी सम्मान नहीं पा पाते. झूठ की गांठ जल्द ही खुल जाती है और फिर लोग भी इनसे दूरी बना लेते हैं.