
Bada Mangal 2025: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है. इस महीने के प्रत्येक मंगल को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहा जाता है. ज्येष्ठ माह के मंगल को बजरंगबली की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के दुख-कष्ट दूर हो जाते हैं और घर में सुख समृद्धि का वास होता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ के महीने में ही त्रेतायुग में भगवान राम की मुलाकात बजरंगबली से हुई थी इसलिए, इस महीने के हर मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है. ज्येष्ठ मास का तीसरा बड़ा मंगल 27 मई यानी आज मनाया जा रहा है. लेकिन, हर किसी के मन में ये सवाल उठता है कि बड़ा मंगल की शुरुआत कैसे हुई थी और इस दिन क्यों भंडारा करवाया जाता है. तो चलिए जानते हैं कि इसके पीछे की पौराणिक कथा.
ऐसे शुरू हुई बड़ा मंगल की परंपरा
बड़ा मंगल मनाने की परंपरा ऐतिहासिक शहर लखनऊ के इतिहास से जुड़ी हुई है. हर साल लखनऊ शहर में ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं. माना जाता है कि लखनऊ से ही बड़ा मंगल के दिन भंडारा करवाने की शुरुआत हुई थी, जिसकी शुरुआत अवध के नवाब मोहम्मद वाजिद अली शाह से करवाई थी.
करीब 200 साल पहले की बात है. उस समय अवध के नवाब वाजिद अली शाह के बेटे की तबीयत बहुत खराब हो गई थी. बेटे की हालत देखकर नवाब की बेगम बहुत दुखी रहती थीं. कई इलाज करवाने के बाद भी जब कोई फायदा नहीं हुआ, तो कुछ लोगों ने उन्हें सलाह दी कि अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर में जाकर मंगलवार के दिन भगवान हनुमान से दुआ करें. बेगम ने इस सलाह पर अमल किया और मंदिर जाकर बेटे के लिए मन्नत मांगी. कुछ समय बाद उनके बेटे की तबीयत में सुधार आने लगा. इस चमत्कार को देखकर नवाब और उनकी बेगम ने अलीगंज स्थित उस पुराने हनुमान मंदिर को दोबारा बनवाया. यह काम ज्येष्ठ महीने में पूरा हुआ. मंदिर का नवीनीकरण पूरा होने की खुशी में नवाब ने पूरे लखनऊ में गुड़ का प्रसाद बंटवाया और इसे उत्सव की तरह मनाया गया. धीरे-धीरे यह परंपरा इतनी लोकप्रिय हो गई कि अब लखनऊ के हर कोने में बड़े मंगल के दिन भंडारे लगते हैं और हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है.
बड़ा मंगल पूजन विधि
बड़े मंगल पर हनुमान पूजा का खास महत्व होता है. इस दिन हनुमान जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और उन्हें गुलाब की माला अर्पित करें. आज के दिन बजरंग बाण का पाठ करने से हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन बजरंग बली के साथ 108 बार प्रभु श्रीराम का नाम लेने हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और भक्तो को हर तरह के संकट से दूर रखते हैं. बड़े मंगल के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है.