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घर की किस दिशा में कौन सी चीजें रखना होता है शुभ, जान लें ये वास्तु टिप्स

भारत में अधिकांश लोग वास्तु शास्त्र में बहुत अधिक यकीन रखते हैं. घर बनाने से लेकर घर सजाने तक में लोग वास्तु के नियमों का पालन करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इससे घर और दफ्तर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं. इस लेख में हम आपको वास्तु से जुड़े कुछ नियमों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आप भी अपनाकर घर और दफ्तर के माहौल को सकारात्मक बना सकते हैं.

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वास्तु टिप्स (PC: Getty Images)
वास्तु टिप्स (PC: Getty Images)

Vastu Tips: वास्तु के अनुसार घर बनवाते और कोई नए सामान को घर में रखते समय कुछ बातों का ध्यान देना बहुत जरूरी है. वास्तु विज्ञान का संबंध घर के निर्माण के साथ दिशाओं के अध्ययन से भी है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर की चीजें सही दिशा में रखना फायदेमंद माना जाता है. घर और ऑफिस के वास्तु का खास नियम है. अगर हम किसी चीज को गलत दिशा में रख देंगे तो उसका परिणाम भी गलत ही निकलेगा. आइए जानते हैं कि घर में कौन सी चीज किस दिशा में रखनी चाहिए.

1. उत्तर दिशा

वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा कुबेर की दिशा है. इस दिशा में तिजोरी रखना सही नहीं माना जाता है. लेकिन आप अपनी दुकान या किसी व्यवसाय की जगह पर रुपए-पैसे के गल्ले को इस दिशा में रख सकते हैं. तिजोरी हमेशा दक्षिण दिशा में ही होनी चाहिए. उत्तर दिशा को कभी खाली नहीं रखना चाहिए इसलिए इस दिशा में आप कोई छोटा फाउंटेन सजा सकते हैं.

2. पूर्व दिशा

घर की पूर्व दिशा में कुछ भी सामान रखने से बचें. वास्तु के अनुसार, इस दिशा के स्वामी सूर्य देव और इंद्र देव हैं. इस दिशा में दिन एक बार दीपक जलाएं. इस स्थान की सफाई करें. इस दिशा में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति रखें.

3. दक्षिण दिशा

वास्तु के अनुसार घर की दक्षिण में भारी सामान होना चाहिए. पैसे का जमावड़ा होना चाहिए क्योंकि ये पैसे जमा करने की सबसे अच्छी जगह है. इस दिशा में शौचालय नहीं होना चाहिए. ये यम के आधिपत्य की दिशा है, मंगल की दिशा है, धन की दिशा है. इस दिशा को पृथ्वी त्तव का स्वामीत्व प्राप्त है. 

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4. पश्चिम दिशा

इस दिशा के देवता वरुण हैं. ग्रह स्वामी इसके शनि है. इस दिशा में घर का रसोईघर बन सकता है. 

5. ईशान कोण

ईशान कोण जल और भगवान शिव का स्थान है. गुरु ग्रह इस दिशा के स्वामी है. ईशान कोण में पूजा घर, बोरिंग वाटरटैंक भी बनवा सकते हैं. 

6. आग्नेय कोण

आग्नेय कोण अग्नि एवं मंगल का स्थान है.  इस दिशा के स्वामी शुक्र है. आग्नेय कोण में रसोई घर या इलैक्ट्रॉनिक उपकरण आदि का स्थान बना सकते हैं.

7. वायव कोण

वायव कोण का स्थान है. इस दिशा के स्वामी चंद्र है. वायव कोण को खिड़की का स्थान माना जाता है. यहां गेस्ट रूम भी बना सकते हैं.

8. नैऋत्य कोण

नैऋत्य कोण पृथ्वी त्तव का स्थान माना जाता है. इस दिशा के स्वामी राहु और केतु है. इस दिशा में टीवी, रेडियो और खेलकूद का सामान रखा जा सकता है. 

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