Vastu tips in hindi: माता-पिता शुरू से ही बच्चों को सफल बनाने और अच्छी आदतें सीखने पर जोर देते हैं. लेकिन कई बार उनकी लाख कोशिशों के बावजूद बच्चा न तो अच्छे संस्कार ग्रहण कर पाता है और न ही पढ़ाई-लिखाई में दूसरों की तरह अच्छा प्रदर्शन कर पाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बच्चों के ज्यादा चंचल या खराब व्यवहार के पीछे ग्रहों की चाल जिम्मेदार होती है. आइए जानते हैं कि इनसे कैसे निपटा जा सकता है.
बच्चे का जीवन मुख्य रूप से चंद्रमा से संचालित होता है. इसके अलावा बच्चे पर कुछ प्रभाव बुध का भी होता है. बच्चे का स्वास्थ्य और एकाग्रता सूर्य से भी संबंध रखती है. कुल मिलाकर बच्चे पर चंद्रमा, सूर्य और बुध गहरा असर डालते हैं.
बच्चा पढ़ने में कमजोर है?
यदि बच्चे का पढ़ने में मन नहीं लगता है तो घर में एक निश्चित जगह पर चन्दन की सुगंध का प्रयोग करें. साथ ही, वहां भगवान कृष्ण का चित्र भी लगाएं. बच्चे के पढ़ने के स्थान पर प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था करें. बच्चे को पढ़ाते समय मन को शांत रखे. बच्चे को गायत्री मंत्र जपने का अभ्यास करवाएं.
खान-पान की समस्या
यदि बच्चे का खान-पान और लाइफस्टाइल अच्छा नहीं है तो नित्य प्रातः बच्चे को सूर्य के दर्शन करवाएं. बच्चे को रोज ब्रश करने के बाद तुलसी के पत्ते खिलाएं. घर में बना हुआ भोजन पहले भगवान को अर्पित करें. बच्चे को उत्तर दिशा की ओर चेहरा करके भोजन करवाएं.
बच्च में आत्मविश्वास की कमी
ऐसी समस्या में हर रोज बच्चे को सूर्य के दर्शन करवाएं. बच्चे को गायत्री मंत्र का जाप करवाएं. बच्चे को लकड़ी के कुर्सी-मेज पर पढ़ने के लिए कहें. बच्चे को एक ताम्बे का कड़ा या छल्ला धारण करवाएं.
बच्चा उद्दंड और खराब व्यवहार करता है?
घर में नियमित रूप से पूजा उपासना करें. घर के बड़े अपना व्यवहार ठीक रखें. सप्ताह में एक दिन घर में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. बच्चे को मांसाहार या फास्ट फूड से दूर रखें. बच्चे के गले में एक सोने या पीतल का चौकोर टुकड़ा धारण करवाएं.