Vastu Tips: घर के रंगों का वास्तु कनेक्शन, जानें आपके लिए कौन से रंग हैं लकी
विभिन्न रंगों को वास्तु के तत्वों का प्रतीक माना जाता है जैसे नीला रंग जल का, भूरा पृथ्वी का और लाल अग्नि का प्रतीक है. रंगों को पांच तत्वों जल, अग्नि, धातु, पृथ्वी और काष्ठ से जोड़ा गया है.
Vastu Shastra Tips: रंग और ध्वनि इस प्रकार की ऊर्जाएं हैं, जिन्होंने प्रकृति और वातावरण के माध्यम से हमें घेर रखा है. शुभ रंग भाग्योदय कारक होते हैं. वास्तु विज्ञान में ध्वनियों तथा रंगों का स्थान अत्यधिक महत्वपूर्ण है, इसलिए आज हम बात करेंगे रंगों के बारे में.
विभिन्न रंगों को वास्तु (Vastu Shastra) के तत्वों का प्रतीक माना जाता है जैसे नीला रंग जल का, भूरा पृथ्वी का और लाल अग्नि का प्रतीक है. रंगों को पांच तत्वों जल, अग्नि, धातु, पृथ्वी और काष्ठ से जोड़ा गया है.
उत्तर पूर्वी कक्ष में सफेद या बैंगनी रंग का प्रयोग करना चाहिए. इस कक्ष को घर का सबसे पवित्र कक्ष माना जाता है.
दक्षिण-पूर्वी कक्ष में पीले या नारंगी रंग का प्रयोग करना चाहिए, जबकि दक्षिण-पश्चिम कक्ष में भूरे, ऑफ व्हाइट, भूरा या पीला मिश्रित रंग प्रयोग करना चाहिए.
यदि बिस्तर दक्षिण-पूर्वी दिशा में हो, तो कमरे में हरे रंग का प्रयोग करना चाहिए.
उत्तर पश्चिम कक्ष के लिए सफेद रंग को छोड़कर कोई भी रंग चुन सकते हैं.
आसमानी रंग जल तत्व को इंगित करता है. घर की उत्तरी दीवार को इस रंग से रंगवाना चाहिए.
भवन के मुख्य द्वार का रंग क्रीम कलर, लाल, गुलाबी, हल्का मरून होना शुभ होता है.
भोजन के कमरे का रंग बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है क्योंकि यह वो स्थान होता है जहां पर घर के प्रत्येक सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करते हैं. भोजन के कमरे में हल्का हरा, गुलाबी, आसमानी या पीला रंग शुभ फल देता है.
बच्चों के शयनकक्ष का रंग हल्का नीला, हल्का हरा या हल्का स्लेटी होना शुभ होता है.