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Shukra Pradosh vrat 2022: शुक्र प्रदोष व्रत आज, इस शुभ मुहूर्त पर करें भोलेनाथ की पूजा

शुक्रवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म शास्त्रों में प्रदोष व्रत को खास महत्व दिया गया है. इस दिन भगवान शिव जी के साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है. कहा जाता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

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शुक्र प्रदोष व्रत आज
शुक्र प्रदोष व्रत आज

प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. हर महीने त्रयोदशी  तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. अश्विन माह का प्रदोष व्रत आज यानी 7 अक्टूबर 2022 को है. शुक्रवार के दिन पड़ने के कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. शुक्र प्रदोष व्रत का काफी खास महत्व होता है . शुक्र प्रदोष व्रत रखने से सुख और समृद्धि आती है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव जी के साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है. कहा जाता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस दिन शाम के समय भगवान शिव की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं शुक्र प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.


शुक्र प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Shukra Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

आश्विन, शुक्ल त्रयोदशी
आश्विन शुक्ल त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ- 07 सितंबर, सुबह 07 बजकर 26 मिनट से
आश्विन शुक्ल त्रयोदशी तिथि का समापन - 08 सितंबर, सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर

प्रदोष व्रत पूजन विधि (Shukra Pradosh Vrat Pujan Vidhi)

शुक्र प्रदोष व्रत करने के लिए त्रयोदशी के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं. स्नान करने के बाद साफ हल्के सफेद या गुलाबी कपड़े पहनें और शुक्र प्रदोष व्रत का संकल्प लें. उसके बाद बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें. इस व्रत में भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है, इसलिए निराहार रहें और केवल जल का सेवन करें. पूरे दिन का उपवास रखने के बाद सूर्यास्त से थोड़ी देर पहले दोबारा से स्नान  करें. शाम के समय प्रदोष काल में उतर-पूर्व दिशा में मुंह करके कुशा के आसन पर बैठ जाएं. उसके बाद भगवान शिव को जल से स्न्नान कराकर रोली, मोली, चावल, धूप, दीप से पूजा करें. भगवान शिव को चावल की खीर और फल अर्पण करें. आखिरी में ऊँ नम: शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें.

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शुक्र प्रदोष व्रत महत्व

प्रदोष व्रत वाले दिन प्रदोष काल के समय को शुभ माना जाता है. इस दौरान की गई सभी प्रार्थनाएं और पूजा सफल मानी जाती हैं. इस व्रत को करने से रोग, ग्रह दोष, कष्ट, पाप आदि से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा इस व्रत के पुण्य प्रभाव से नि:संतान लोगों को संतान की प्राप्ति होती है.

 

शुक्र प्रदोष व्रत के दिन क्या करें और क्या ना करें 

ऐसे माना जाता है कि प्रदोष व्रत की पूजा में कभी भी काले रंग के वस्त्र धारण करके ना बैठें. इसके अलावा, अगर आप प्रदोष व्रत रख रहे हैं तो कोशिश करें कि इस दिन किसी भी तरह का गलत काम ना करें. भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए. नारियल चढ़ाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि शिवजी को नारियल चढ़ाना शुभ होता है. लेकिन उन्हें नारियल का पानी कभी नहीं चढ़ाना चाहिए. भगवान शिव की पूजा के दिन आप हरे, लाल, सफेद, केसरिया या पीले के वस्त्र पहन सकते हैं.


 

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