Purnima 2026 Date: पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है. इसे विशेष रूप से त्योहार की तरह मनाया जाता है क्योंकि यह चंद्र मास का वह दिन है जब चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में दिखाई देता है. हर साल 12 पूर्णिमा होती हैं, लेकिन वर्ष 2026 में अधिमास होने के कारण 13 पूर्णिमा का संयोग बन रहा है. इस दिन को मां लक्ष्मी की जन्म तिथि के रूप में भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से घर में सुख-शांति, धन और स्वास्थ्य की वृद्धि होती है. इसके अलावा, चंद्रमा को अर्घ्य देने से रोग-दोष और नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं. कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन पवित्र नदी या किसी पवित्र जलाशय में स्नान करता है, उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और आत्मा शुद्ध होती है.
सिर्फ पूजा और स्नान ही नहीं, बल्कि पूर्णिमा का दिन दान, त्याग और पुण्य कर्म करने के लिए भी विशेष महत्व रखता है. इस दिन किए गए अच्छे कर्मों का फल कई गुणा बढ़कर मिलता है. इसलिए पूर्णिमा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आध्यात्मिक शांति, मानसिक संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक है.
| पौष पूर्णिमा | 3 जनवरी 2026 |
| पौष पूर्णिमा | 3 जनवरी 2026 |
| माघ पूर्णिमा | 1 फरवरी 2026 |
| फाल्गुन पूर्णिमा | 3 मार्च 2026 |
| चैत्र पूर्णिमा | 2 अप्रैल 2026 |
| वैशाख पूर्णिमा | 1 मई 2026 |
| ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत (अधिक मास) | 31 मई 2026 |
| ज्येष्ठ पूर्णिमा | 29 जून 2026 |
| आषाढ़ पूर्णिमा | 29 जुलाई 2026 |
| श्रावण पूर्णिमा | 28 अगस्त 2026 |
| भाद्रपद पूर्णिमा | 26 सितंबर 2026 |
| अश्विन पूर्णिमा | 26 अक्टूबर 2026 |
| कार्तिक पूर्णिमा | 24 नवंबर 2026 |
| मार्गशीर्ष पूर्णिमा | 23 दिसंबर 2026 |
पूर्णिमा पर स्नान का महत्व
पूर्णिमा पर गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है. इसे केवल शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धिकरण का भी साधन माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जल में दिव्य ऊर्जा सक्रिय होती है, जो मनुष्य के पाप और दोषों को दूर करने में सहायक होती है. इसलिए पूर्णिमा पर स्नान करने से आत्मा और मन दोनों की शांति मिलती है.
पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
धार्मिक ग्रंथों में पूर्णिमा का व्रत और ध्यान करने का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए व्रत और पूजा से व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक शुद्धि होती है. पूर्णिमा की दिव्य ऊर्जा का असर मन और शरीर दोनों पर पड़ता है.