वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के दरबार में आए दिन भक्त उनका आशीर्वाद लेने आते हैं. क्रिकेट से लेकर फिल्म जगत के कई जाने-माने सितारे प्रेमानंद के दरबार में अर्जी लगा चुके हैं. हाल ही में सेक्स वर्कर्स के जीवन को नई दिशा देने का काम कर रहीं एक सोशल एक्टिविस्ट प्रेमानंद महाराज से मिलीं. उन्होंने बताया कि इस काम में कितना खतरा है और अक्सर इसमें चुनौतियां कितनी बड़ी हो जाती हैं. प्रेमानंद महाराज ने न सिर्फ उनके इस कदम की सराहना की, बल्कि उन्हें एक गुरुमंत्र भी दिया. इसका वीडियो खुद प्रेमानंद महाराज के ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट और यूट्यूब चैनल पर डाला गया है.
महिला ने प्रेमानंद महाराज से पूछा, 'मैं दिल्ली के रेडलाइट एरिया के पास मौजूद कोठों के अंदर जाकर उनमें फंसी महिलाओं को निकालने और उनके बच्चों को एक बेहतर जीवन देने का काम करती हूं. लेकिन इस काम में बड़ी चुनौतियां हैं. पर एक भरोसा भी है कि मुझे ये काम सौंपा गया है. ऐसे में जब-जब श्रद्धा कम होती है, चुनौती बड़ी लगती है और खुद पर शक होता है, तब क्या करें?'
यह सुनकर प्रेमानंद महाराज ने कहा, 'ये बहुत प्रशंसनीय कार्य है. जिनको गंदगी में धकेल दिया गया है, उन्हें गंदे आचरणों से मुक्त कराना और एक नया जीवन देना, वाकई एक अच्छा काम है. लेकिन इसमें आपका आत्मविश्वास कभी नहीं टूटना चाहिए. यदि हमने किसी एक जीव को डूबने से बचा लिया तो बहुत बड़ा कार्य कर लिया. स्वयं के लिए भजन करना अपना कल्याण करना है. लेकिन दूसरे का कल्याण करना असाधारण है.'
प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा, 'कई परिस्थितियों में बच्चियां ऐसी जगह फंस जाती हैं. यदि आपके सहयोग से उनका कल्याण हो रहा है और उनके जीवन को एक नई दिशा मिल रही है तो इससे प्रशंसनीय कार्य कुछ नहीं हो सकता. बस आप अपना आत्मबल कमजोर मत होने दीजिए. राधा नाम का जाप करिए ताकि आपका आत्मबल बना रहे. आप यूं ही डटी रहिए. आपकी रक्षा भगवान करेगा.'
कौन हैं गीतांजलि बब्बर?
प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंची ये महिला जानी-मानी सेक्स वर्कर एक्टिविस्ट गीतांजलि बब्बर हैं. गीतांजलि एक गैर-सरकारी संगठन ‘कट-कथा’ की फाउंडर और डायरेक्टर हैं. वह दिल्ली के जीबी रोड स्थित रेड लाइट एरिया में काम करने वाली सेक्स वर्कर्स को इस दलदल से निकालने और उनके जीवन को एक नई दिशा देने का काम करती हैं. शुरुआत में गीताजंलि ने राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) के साथ काम किया था.
लेकिन 2011 में जीबी रोड में वेश्यावृत्ति की आग में धकेली गई महिलाओं के साथ एक मुलाकात ने गीतांजलि को NACO में अपने अधिकारी पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया. इन महिलाओं और उनके बच्चों की दयनीय स्थिति ने उनके दिल को झकझोर दिया. तब उन्होंने दिल्ली की इस अंधेरी गली में बदलाव लाने का जिम्मा उठाया.
गीतांजलि ने देखा कि कैसे जीबी रोड के कोठों में कैद महिलाओं का शोषण और दुर्व्यवहार किया जाता है. उनके बच्चों को शिक्षा से लेकर बुनियादी सुविधाओं से किस कदर वंचित रखा जाता है. तब उन्होंने एक गैर-सरकारी संगठन 'कट-कथा' की शुरुआत की और इन महिलाओं पर हो रहे जुल्म के खिलाफ आवाज उठाई.