scorecardresearch
 

Panch Parva 2025: धनतेरस, दिवाली, भाई दूज... आज से शुरू पंचपर्व, जानें हर एक दिन का शुभ मुहूर्त

Panch Parva 2025: 18 अक्टूबर को धनतेरस से पंचपर्व शुरू हो रहा है. हालांकि पंचपर्व इस बार 5 की बजाए 6 दिन का रहने वाला है. दिवाली और धनतेरस के बीच 21 तारीख को रिक्त तिथि रहने वाली है. आइए आपको पंचपर्प के शुभ मुहूर्त बताते हैं.

Advertisement
X
जानें धनतेरस से भाई दूज तक सभी त्योहारों का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है. (Photo: AI Generated)
जानें धनतेरस से भाई दूज तक सभी त्योहारों का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है. (Photo: AI Generated)

Panch Parva 2025 Shubh Muhurt: आज कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी यानी धनतेरस से पंचपर्व की शुरुआत होने जा रही है. इस साल पंचपर्व 5 की बजाए 6 दिन का रहने वाला है. यह त्योहार पांच, ग्रह पांच ऊर्जाओं और पांच त्योहारों का समर्पित है. धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), दीपावली, गोवर्धन पूजा और फिर भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा. ज्योतिष के अनुसार, ये पांच दिन केवल उत्सव नहीं, बल्कि ग्रहों की ऊर्जा को जगाने के खास दिन भी हैं. आइए आपको इन त्योहारों के शुभ मुहूर्त और कुछ दिव्य उपाय बताते हैं.

धनतेरस 18 अक्टूबर
धनतेरस का त्योहार गुरु और शुक्र ग्रह से जुड़ा है. बृहस्पति आरोग्य आयु और शुक्र धन, वैभव के कारक हैं. इस दिन कुबेर देव और धनवंतरी की पूजा का विधान है. धन-वैभव देने वाले इस त्योहार पर पूजा का शुभ मुहूर्त 18 अक्टूबर यानी आज शाम 7 बजकर 11 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहने वाला है.

उपाय
धनतेरस के दिन पीतल के बर्तन और चांदी, सोना जैसी मूल्यवान चीजें खरीदना शुभ होता है. इस दिन हल्दी, पीली वस्तु का दान और दीपदान भी शुभ माना जाता है. इस दिन लक्ष्मी पूजन और धातु का क्रय से शुक्र मजबूत होता है.

नरक चतुर्दशी 19 अक्टूबर
नरक चतुर्दशी को नकर चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन यम के देवता की पूजा का विधान है. कहते हैं कि इससे अकाल मृत्यु का भय कम होता है. इसलिए नरक चतुर्दशी की शाम यमराज के नाम का दीपक जलाया जाता है. द्रिक पंचांग के अनुसार, 19 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 50 मिनट के बाद आप किसी भी समय पूजा कर सकत हैं.

Advertisement

उपाय
इस दिन सूर्योदय से पहले उबटन और तेल स्नान से ग्रह दोष शांत होते हैं. इस दिन घर के चारों कोनों में तिल के तेल का दीप जलाने से शनि-केतु से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं.

दीपावली 20 अक्टूबर
कार्तिक अमावस्या की रात शुक्र और चंद्रमा से संबंध रखती है. दिवाली पर मां लक्ष्मी और गणपति की संयुक्त पूजा से धन-वैभव की प्राप्ति होती है. दिवाली की पूजा प्रदोष काल में होती है और इस बार दिवाली पर प्रदोष काल का समय शाम 7 बजकर 8 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 3 मिनट तक रहने वाला है.

उपाय
दिवाली पर मां लक्ष्मी के समक्ष घी-तेल से दीप जलाएं. महालक्ष्मी और गणेशजी की संयुक्त पूजा करें. शंखनाद और स्त्रोत पाठ से चंद्र व शुक्र को बल मिलता है. इस दिन घर में श्रीयंत्र की स्थापना करना उत्तम होगा.

गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर
यह पर्व कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है. यह दिन भगवान कृष्ण की लीलाओं को समर्पित है. कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसालाधार बारिश से बचाने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को उंगली पर उठाए रखा था. इस बार गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 26 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 42 मिनट तक बताया जा रहा है.

Advertisement

उपाय
इस दिन गौ सेवा करें. अन्न का दान करें. मिट्टी या पर्वत के पूजन से गुरु और शनि सक्रिय होते हैं. इस दिन मिट्टी से गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा करें.

भाई दूज 23 अक्टूबर
भाई दूज का त्योहार चंद्र और बुध से संबंध रखता है. यह भाई-बहन के स्नेह का दिन. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर भाग्योदय का तिलक करती हैं. इस साल भाई दूज 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा. भाई दूज पर भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहने वाला है.

उपाय
इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य और हरे फल व वस्त्र का दान करना उत्तम होगा. इससे बुध देव प्रसन्न होते हैं. इस दिन भाई अपनी बहन को चांदी की कोई चीज उपहार दें तो उत्तम होगा. बहनें रात के समय चंद्रमा को अर्ध्य दें.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement