Mokshada Ekadashi 2025: हिंदू परंपरा में एकादशी का व्रत अत्यंत पवित्र और कल्याणकारी माना गया है. इसे केवल धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और भगवान विष्णु व देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने का विशेष साधन समझा जाता है. पूरे वर्ष में 24 एकादशियां पड़ती हैं और हर एकादशी को अनुशासन, संयम और भक्ति के साथ मनाने की सलाह दी गई है. ऐसा विश्वास है कि जो साधक निष्ठा, नियम और सच्चे मन से एकादशी का व्रत करता है, उसके पाप दूर होते हैं और जीवन में खुशी, सौभाग्य और समृद्धि आती है. भगवान विष्णु की कृपा से मन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, मानसिक तनाव कम होता है और परिवार में सुख व शांति बनी रहती है.
मोक्षदा एकादशी व्रत 2025 तिथि (Mokshada Ekadashi 2025 Tithi)
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 नवंबर यानी आज रात 9 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 1 दिसंबर 2025 शाम 7 बजकर 1 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार, मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर को रखा जाएगा.
मोक्षदा एकादशी पर ना करें ये गलतियां
दोपहर में सोना या देर से उठना
एकादशी के दिन आलस्य त्यागना जरूरी है. बहुत देर तक सोना या दोपहर में विश्राम करना मन की शुद्धता और व्रत की आध्यात्मिक ऊर्जा को कम करता है.
लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन से दूरी
व्रत के दिन सादा सात्विक भोजन अपनाना चाहिए. तामसिक चीजें जैसे लहसुन और प्याज पवित्रता को प्रभावित करती हैं, इसलिए इनसे पूरी तरह बचना आवश्यक है.
कटुवचन और नकारात्मक विचारों से बचें
व्रत में केवल शरीर ही नहीं, मन और वाणी की भी शुद्धता जरूरी है. कठोर शब्द कहना, किसी का अपमान करना या नकारात्मक सोच व्रत के प्रभाव को कम कर देती है.
तुलसी दल ना तोड़ें
एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए और ना इस दिन तुलसी का पत्ता तोड़ना चाहिए.