आज देशभर में गणपति विसर्जन धूमधाम से मनाया जाएगा. गणेश विसर्जन गणेश चतुर्थी के उत्सव का अंतिम और महत्वपूर्ण चरण है, जिसमें भगवान गणेश की प्रतिमा का जल में विसर्जन किया जाता है. यह प्रक्रिया दस दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव के अंत में होती है. हालांकि कुछ लोग लोग 1, 5, 3, 5, या 7 दिन गणेश स्थापना के बाद भी विसर्जन करते हैं. विसर्जन का मुख्य उद्देश्य भगवान गणेश को सम्मान के साथ विदा करना है. यह विश्वास करते हुए कि वे अगले वर्ष फिर से आएंगे और भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और ज्ञान लाएंगे. आइए आपको गणेश विसर्जन के मौके पर तीन दिव्य उपाय बताते हैं.
1. गजेंद्र मोक्ष का पाठ
ऐसी मान्यताए हैं कि पांडवों को अनंत चतुर्दशी के व्रत से ही खोया हुआ राज्य मिला था. श्री कृष्ण ने पांडवों को इस व्रत के बारे में बताया था. यह व्रत पांडवों ने द्रौपदी सहित रखा था. इस दिन गजेंद्र मोक्ष का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना गया है. इस दिन गजेंद्र मोक्ष का पाठ करने से जीवन की तमाम परेशानियों को दूर किया जा सकता है.
2. दिव्य रक्षा सूत्र
अनंत चतुर्दशी के दिन सूत या रेशम के धागे को कुमकुम से रंगकर उसमें चौदह गांठे लगाई जाती हैं. इसके बाद उसे विधि-विधान से पूजा के बाद कलाई पर बांधा जाता है. कलाई पर बांधे गए इस धागे को ही अनंत कहा जाता है. भगवान विष्णु का रूप माने जाने वाले इस धागे को रक्षासूत्र भी कहा जाता है. ये 14 गांठे भगवान श्री हरि के 14 लोकों की प्रतीक मानी गई हैं. यह अनंत धागा भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला तथा अनंत फल देता है.
3. दिव्य मंत्र
भगवान गणेश के मूर्ति विसर्जन के दौरान गणपति जी के मंत्रों का जाप करें. आप "ॐ गण गणपतये नमः" और "ॐ श्रीम ह्रीं क्लिं ग्लौं गंग गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा" मंत्रों का जाप कर सकते हैं. इन मंत्रों का जाप करने से जीवन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
कैसे करें गणपति विसर्जन?
गणेश विसर्जन के दिन उपवास रखें. उपवास ना रख पाएं तो फलाहार करें. घर में स्थापित प्रतिमा का विधिवत पूजन करें. पूजन में नारियल, शमी पत्र और दूब जरूर अर्पित करें प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाएं. प्रतिमा छोटी हो तो गोद या सिर पर रखकर ले जाएं. प्रतिमा को ले जाते समय भगवान गणेश को समर्पित अक्षत घर में जरूर बिखेर दें. चमड़े की बेल्ट, घड़ी या पर्स पास में ना रखें नंगे पैर ही मूर्ति को ले जाएं. विसर्जन करें प्लास्टिक की मूर्ति या चित्र ना स्थापित करें और न ही विसर्जन करें विसर्जन के लिए मिट्टी की प्रतिमा सर्वश्रेष्ठ है. विसर्जन के बाद हाथ जोड़कर श्री गणेश से कल्याण और मंगल की कामना करें.