Chhath Puja 2023: छठ पूजा का आज चौथा और अंतिम दिन है. व्रत रखने वाली महिलाएं आज उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगी. इस पूजन विधि के साथ ही छठ के महापर्व का समापन हो जाएगा. अंतिम दिन सूर्य को वरुण वेला में अर्घ्य दिया जाता है. यह सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है. इससे सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है. आइए जानते हैं छठ के चौथे दिन का महत्व क्या होता है और उगते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त क्या है.
सूर्योदय अर्घ्य का समय
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को छठ पूजा का अंतिम दिन मनाया जाता है. इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है. उगते सूरज के अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त आज सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर है. इसके बाद पारण कर इस व्रत को पूरा किया जाता है. सूर्य को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए. गिरते जल की धारा में सूर्यदेव के दर्शन करना चाहिए.
आज सूर्योदय की सभी शहरों में टाइमिंग (Citywise timing of Usha Argya)
दिल्ली- सुबह 06 बजकर 47 मिनट
मुंबई- सुबह 06 बजकर 48 मिनट
पटना- सुबह 06 बजकर 01 मिनट
वाराणसी- सुबह 06 बजकर 18 मिनट
कोलकाता- सुबह 05 बजकर 52 मिनट
लखनऊ- सुबह 06 बजकर 31 मिनट
नोएडा- सुबह 06 बजकर 48 मिनट
रांची- सुबह 06 बजकर 7 मिनट
जयपुर- सुबह 6 बजकर 51 मिनट
भोपाल- सुबह 6 बजकर 38 मिनट
गुरुग्राम- सुबह 6 बजकर 49 मिनट
चंडीगढ़- सुबह 6 बजकर 54 मिनट
अहमदाबाद- सुबह 6 बजकर 57 मिनट
पुणे- सुबह 6 बजकर 45 मिनट
छठ का धार्मिक महत्व
ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा करने से तेज, आरोग्यता और आत्मविशवास की प्राप्ति होती है. दरअसल, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रह को पिता, पूर्वज, सम्मान का कारक माना जाता है. साथ ही छठी माता की अराधना से संतान और सुखी जीवन की प्राप्ति होती है. इस पर्व की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह पर्व पवित्रता का प्रतीक है.
छठ के अंतिम अर्घ्य के उपाय
1. इससे संतान सम्बन्धी समस्याएं दूर होती हैं. इससे नाम यश बढ़ता है. अपयश के योग भंग होते हैं. पिता पुत्र के संबंध ठीक होते हैं. इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है. सूर्य को अर्घ्य देने से आत्मविश्वास बढ़ेगा.
2. सुबह के वक्त जल की धारा में से उगते सूरज को देखना चाहिए. इससे धातु और सूर्य कि किरणों का असर आपकी दृष्टि के साथ आपके मन पर भी पड़ता है और आपको सकारात्मक उर्जा का आभास होता रहेगा.
3. सूर्य प्रकाश का सबसे बड़ा स्रोत है और प्रकाश को सनातन धर्म में सकारात्मक भावों का प्रतीक माना गया है. हर दिन सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति की कुंडली में यदि शनि की बुरी दृष्टि हो तो उसका प्रभाव भी कम होता है. इससे करियर में भी लाभ मिलता है.