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Chhath Puja 2023: आज से शुरू हो रहा है छठ का महापर्व, नोट करें 4 दिन का पूरा कार्यक्रम

छठ पर्व आज से शुरू हो रहा है. इस पर्व को 'सूर्य षष्ठी' के नाम से भी पुकारा गया है. ये पर्व चार दिन तक चलता है. इस बार छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर को अमृत योग और रवि योग में हो रही है. आइए आपको छठ पर्व का पूरा कार्यक्रम बताते हैं.

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Chhath 2023: 17 नवंबर को नहाय-खाय के साथ होगी छठ पर्व की शुरुआत, नोट करें 4 दिन का पूरा कार्यक्रम (Photo: Getty Images)
Chhath 2023: 17 नवंबर को नहाय-खाय के साथ होगी छठ पर्व की शुरुआत, नोट करें 4 दिन का पूरा कार्यक्रम (Photo: Getty Images)

Chhath 2023: हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पर्व पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है. इस दिन षष्ठी माता और सूर्य देव की पूजा का विधान है. इसलिए इस पर्व को 'सूर्य षष्ठी' के नाम से भी पुकारा गया है .ये पर्व चार दिन तक चलता है. इस बार छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर यानी आज से हो रही है. छठ के पहले दिन आज अमृत योग और रवि योग बन रहे हैं. आइए आपको छठ पर्व का पूरा कार्यक्रम बताते हैं.

पहला दिन- नहाय खाय
छठ पूजा पर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है. जो इस साल 17 नवंबर यानी आज है. इस दिन सूर्योदय 06.45 बजे होगा. वहीं, सूर्यास्त शाम 05.27 बजे होगा. नहाय-खाय से अगले चार दिनों तक घर में शुद्धता का ध्यान रखा जाता है. लहसुन प्याज की मनाही होती है. नहाय-खाय में व्रती सहित परिवार के सभी सदस्य चावल के साथ कद्दू की सब्जी, चने की दाल, मूली आदि ग्रहण करते हैं.

दूसरा दिन- खरना
18 नवंबर को खरना है. इस दिन का सूर्योदय सुबह 06.46 बजे और सूर्यास्त शाम 05.26 बजे होगा. इस दिन गुड़ और खीर का प्रसाद बनाकर ग्रहण करते हैं. इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद व्रती 36 घंटे निर्जला उपवास पर चली जाती हैं. इस प्रसाद को बनाने में मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है.

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तीसरा दिन- अर्घ्य
19 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है, जिसे संध्या अर्घ्य भी कहते हैं. 19 नवंबर को सूर्यास्त शाम 05.26 बजे होगा. छठ पूजा का तीसरा दिन बहुत खास होता है. इस दिन टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है. इसके बाद नदी या तालाब में कमर तक पानी में रहकर अर्घ्य दिया जाता है.

चौथा दिन- अर्घ्य
चौथे दिन यानी 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा. ये अर्घ्य लगभग 36 घंटे बाद दिया जाएगा. इस दिन सूर्योदय सुबह 06.47 बजे होगा. 

छठ का महत्व
छठी मईया को समर्पित छठ पर्व पर व्रती सूर्य देव से अपनी संतान और परिवार के सुख शांति के लिए कामना करती हैं. सुबह वाले अर्ध्य के बाद पारण होता है. इसके साथ ही इस पर्व का समापन हो जाता है. ये कहना गलत नहीं होगा कि तन-मन की शुद्धता लिए सूर्य उपासना का महापर्व छठ सबसे कठिन त्योहारों में से एक है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस साल छठ पूजा पर विशेष संयोग बनेगा. रविवार को भगवान सूर्य का दिन माना जाता है और पहला अर्घ्य रविवार को पड़ रहा है, जो बेहद शुभ होगा. साथ ही, इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश भी करेंगे

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