मनुष्य के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अर्थशास्त्र के महान ज्ञाता रहे आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में कई नीतियों का बखान किया है. बताया जाता है कि चाणक्य की नीतियों को सामान्य मनुष्य ही नहीं बल्कि राजा-महाराजाओं ने भी अपनाया और अपने राजपाट को कुशलता पूर्वक आगे बढ़ाया.
इस नीति ग्रंथ में चाणक्य ने जीवन, मृत्यु, दोस्त, दुश्मन, अच्छे और बुरे समेत कई विषयों से जुड़े समस्याओं के हल का वर्णन किया है. अपने नीति ग्रंथ यानी चाणक्य नीति में उन्होंने ऐसी दो चीजों का बखान भी किया है जिसकी मदद से मनुष्य अपने दुश्मन को भी दोस्त बना सकता है. इन दो गुणों से मनुष्य को सफलता प्राप्त करने में भी काफी मदद मिलती है.
सत्य वचन
आचार्य चाणक्य के मुताबिक अगर आप सफल होना चाहते हैं तो आपको कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए. झूठ के सहारे पाई गई सफलता का अहसास हमेशा दिल को कचोटता रहता है. साथ ही झूठ से मनुष्य की प्रतिभा का भी हनन होता है. उसे समाज में मान-सम्मान नहीं मिलता है. अपने लोग भी दूरी बनाकर चलते हैं.
वहीं, सच बोलने वाले का मन साफ होता है और यही कारण है कि समाज में उसका मान-सम्मान होता है. उसके दुश्मन भी इस आदत को जानकर दोस्त बन जाता है.
विनम्र स्वभाव
चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य का स्वभाव विनम्रता से भरा होना चाहिए. विनम्र व्यक्ति हमेशा लोगों के प्रिय होते हैं. लोग उन्हें प्यार करते हैं. विनम्र स्वभाव के व्यक्ति को गुस्सा नहीं आता और वो हर काम को काफी धैर्य के साथ करता है.
चाणक्य के मुताबिक व्यक्ति को क्रोध पर काबू पाने के लिए विनम्र होना चाहिए. इस गुण को अपनाने वाले व्यक्ति के सामने दुश्मन भी झुक जाते हैं.