गणेश महोत्सव शुरू हो चुका है. इस दस दिवसीय महापर्व में लोग भगवान गणेश के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करते हैं और सुख-समृद्धि का वरदान पाते हैं. महाराष्ट्र में इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. यह तस्वीर मुंबई के लालबागचा राजा के मुख्य पंडाल की है, जहां हर साल गणपति की सबसे विशाल प्रतिमा स्थापित की जाती है. Photo: PTI
इस महोत्सव में लोग अपने घरों और पंडालों में गणेश जी की सुंदर और आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित करते हैं. यह मूर्तियां मिट्टी, प्लास्टर या इको-फ्रेंडली मैटीरियल से बनाई जाती हैं. यह दृश्य अंधेरी के वीरा देसाई रोड पर गणेश चतुर्थी के भव्य उत्सव का है. Photo: PTI
भगवान गणेश को मोदक और लड्डू अत्यंत प्रिय है. गणेश महोत्सव में इसी का भोग उन्हें लगाया जाता है. भगवान गणेश की यह विशाल मूर्ति चेम्बूर के सह्याद्रि क्रीड़ा मंडल की है. Photo: PTI
गणेश महोत्सव के दौरान पंडालों में भक्ति संगीत, नृत्य, नाटक और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों आयोजन किया जाता है. हर तरफ 'गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया' के नारे गूंज रहे होते हैं. यह तस्वीर मुंबई के चिंचपोकली इलाके में स्थापित भगवान गणेश की 40 फीट ऊंची प्रतिमा की है. Photo: PTI
मुंबई के लालबागचा राजा जैसे पंडाल विश्वभर में प्रसिद्ध हैं और इसे देखने लोग दूर-दूर से आते हैं. लेकिन इस बार मुंबई के खेतवाड़ी स्थित भगवान गणेश की अलौकिक प्रतिमा ने भी लोगों का खूब ध्यान खींचा. Photo: PTI
मुंबई के लालबाग इलाके में ही एक पंडाल में भगवान गणेश की 22 फीट ऊंची इको-फ्रेंडली प्रतिमा स्थापित की गई. इस गणपति को 'तेजुकाया चा राजा' कहा जा रहा है. Photo: PTI
विसर्जन से पहले गणेश जी की विशेष पूजा और आरती की जाती है. उन्हें मोदक, लड्डू और अन्य भोग चढ़ाए जाते हैं. मुंबई स्थित गिरगांव में गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान भगवान गणेश की इको-फ्रेंडली विशाल मूर्ति, 'गिरगांव चा रजाई' को तस्वीर में देखा जा सकता है. Photo: PTI
मुंबई में खेतवाड़ी 8वीं लेन में छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रतिनिधित्व करने वाली 'खेतवाड़िचा महागणपति' की 35 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई. Photo: PTI