scorecardresearch
 

Vinayaka Chaturthi June 2021: कब है ज्येष्ठ मास की विनायक चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर महीने में दो चतुर्थी तिथि आती हैं जिन्हें भगवान श्री गणेश की तिथि माना जाता है. प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से मनचाहा वरदान प्राप्त किया जा सकता है.

Advertisement
X
विनायक चतुर्थी
विनायक चतुर्थी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 14 जून को मनाई जाएगी विनायक चतुर्थी
  • इस दिन भगवान गणेश की असीम कृपा प्राप्त होती है
  • पूजा का शुभ मुहूर्त जानें

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर महीने में दो चतुर्थी तिथि आती हैं जिन्हें भगवान श्री गणेश की तिथि माना जाता है. प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से मनचाहा वरदान प्राप्त किया जा सकता है. हालांकि, सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण विनायक चतुर्थी भाद्रपद के महीने में आती है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश का जन्मदिन मनाया जाता है.

विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी भी कहते हैं. कहा जाता है इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन व्रत करने से भगवान गणेश की असीम कृपा प्राप्त होती है और घर-परिवार में शुभता बनी रहती है. इस बार की विनायक चतुर्थी 14 जून 2021 यानी सोमवार को मनाई जाएगी. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, अर्थात जो बाधाओं को दूर करता है. इस दिन व्रत रखने से विघ्नहर्ता गणेश अपने भक्तों के जीवन से सभी बाधाओं को दूर करते हैं.

विनायक चतुर्थी जून 2021:
ज्येष्ठ, शुक्ल चतुर्थी तिथि
प्रारंभ- 13 जून रात 09 बजकर 40 से
समाप्त- 14 जून रात 10 बजकर 34 मिनट तक  

विनायक चतुर्थी जून 2021: शुभ मुहूर्त:
पूजा शुभ मुहूर्त: 14 जून 2021 को सुबह 10:58 से दोपहर 01:45 बजे तक है. पूजा मुहूर्त की कुल अवधि 02 घंटे 47 मिनट की है.

Advertisement

विनायक चतुर्थी का महत्व:
भगवान गणेश को ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि, और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है और किसी भी शुभ काम की शुरूआत प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता गणेश जी के पूजन से ही होती है.

पूजन विधि:
इस दिन बहुत से लोग उपवास करते हैं और पूरे विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करते हैं. पूजा में पंचामृत, चंदन का पेस्ट, लाल उडहूल या कोई अन्य फूल, दूर्वा घास, कुमकुम, अगरबत्ती और धूप आदि भगवान गणेश को अर्पित किया जाता है. प्रात: काल उठ कर स्नान करें. इसके बाद मंदिर वाले स्थान की साफ सफाई कर भगवान गणेश की मूर्ती स्थापित करें. अब दीप जलाकर भगवान गणेश को सिंदूर से तिलक लगाकर दुर्वा अर्पित करें. भगवान गणेश की आरती करें और लड्डू या मोदक का भोग लगाएं.

 

Advertisement
Advertisement