Bhishma Ashtami 2022: माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी मनाई जाती है. 8 फरवरी 2022 को यानी आज भीष्म अष्टमी है. भीष्म पितामह ने आजीवन ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा ली तथा जीवन पर्यन्त उसका पालन किया.अपने पिता के प्रति उनकी निष्ठा एवं समर्पण के कारण, भीष्म पितामह को अपनी इच्छानुसार मृत्यु का समय चुनने का वरदान प्राप्त हुआ था. धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने पर अपने प्राण त्यागे थे. माना जाता है कि इस दिन पितामह भीष्म का तर्पण करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. पितृदोष दूर करने के लिए भी यह दिन काफी अच्छा माना जाता है. माना जाता है कि जो लोग उत्तरायण में अपने प्राण त्यागते हैं उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
भीष्म अष्टमी शुभ समय (Bhishma Ashtami 2022 date and time)
भीष्म अष्टमी मंगलवार, फरवरी 8, 2022 को
अष्टमी तिथि प्रारम्भ - फरवरी 08, 2022 को सुबह 06:15 बजे से
अष्टमी तिथि समाप्त - फरवरी 09, 2022 को सुबह 08:30 बजे तक
मध्याह्न समय - 11:29 सुबह से दोपहर 01:41 तक
भीष्म अष्टमी का महत्व (Significance of Bhishma Ashtami)
माना जाता है कि जो व्यक्ति भी भीष्म अष्टमी का व्रत (Bhishma Ashtami Vrat) रखता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. साथ ही इस दिन पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है. इस दिन जल, कुश और तिल से भीष्म पितामह का तर्पण किया जाता है. भीष्म पितामह की पुण्यतिथि को एकोदिष्ट श्राद्ध के रूप में मनाया जाता है. इस दिन जो लोग अपने पिता को खो चुके हैं, वे भीष्म पितामह के नाम पर श्राद्ध अनुष्ठान करते हैं. बहुत से लोग मानते हैं कि भीष्म पितामह का श्राद्ध अनुष्ठान सभी के द्वारा किया जा सकता है, भले ही उनके पिता जीवित हों या मृत.
भीष्म पितामह ने अपने अंतिम समय में युधिष्ठिर दी थीं ये शिक्षा
बाणों की शैया पर लेटे भीष्म पितामह के पास भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर युधिष्ठिर पहुंचे थे. तब भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर का दुख दूर करने के लिए उन्हें शिक्षा दी थी कि व्यक्ति को गुस्से पर काबू करना सीखना चाहिए. क्षमा करना सबसे बड़ा गुण है. जो भी काम करें, उसको पूरा जरूर करें. किसी भी चीज से और लोगों से जुड़ने से बचें. व्यक्ति के जीवन में धर्म हमेशा पहले आना चाहिए. कड़ी मेहनत करें, सबकी रक्षा करें. सदैव मन में दया भाव बनाए रखें.
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