आज मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2021) के दिन कुंभ का दूसरा स्नान किया जा रहा है. आज सुबह से ही श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. आपको बता दें कि इस बार कुंभ मेले में 6 प्रमुख स्नान हैं. इसका पहला स्नान मकर संक्रांति के दिन था. कुंभ का तीसरा स्नान 16 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन होगा. वहीं चौथा स्नान 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा की तिथि पर, पांचवां स्नान 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर और छठवां प्रमुख प्रमुख स्नान 21 अप्रैल को राम नवमी पर होगा.
Photo- ANI
आज मौनी अमावस्या के मौके पर भी लाखों श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में गंगा स्नान किया. मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त 10 फरवरी की रात 01 बजकर 10 मिनट से 11 फरवरी की रात 12 बजकर 27 मिनट तक है. आपको बता दें कि प्रयागराज में भी कुंभ के स्नान का खास महत्व होता है. त्रिवेणी संगम में कुंभ का स्नान करने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं. कुंभ के पहले तीर्थंकर ऋषभ देव ने इसी दिन अपनी लंबी तपस्या का मौन व्रत तोड़ा था और संगम के पवित्र जल में स्नान किया था.
Photo- ANI
माघ महीने को पुण्य का महीना माना जाता है और माघ मास के सभी स्नान पर्वों में मौनी अमावस्या का स्नान सबसे पुण्यकारी होता है. मौनी अमावस्या का दिन पूर्वजों के तर्पण, स्नान, दान आदि के लिए बहुत ही फलदायी होता है. मान्यता है कि कुंभ में स्नान करने से हर तरह की बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है.
Photo- ANI
कुंभ में स्नान, दान और पूजा से जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है. मान्यता के अनुसार, इस दिन किया गया दान-पुण्य सौ गुना ज्यादा फल देने वाला होता है. आज के दिन पूरे मन से इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाए तो आयु लंबी होती है.
Photo- ANI
मान्यता है कि इस दिन तिल या उससे बनी वस्तुओं का दान करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है. मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए सारे काम मौन रह कर किए जाते हैं. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन पितरों का ध्यान करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें.
मौनी अमावस्या के दिन ऐसे करें पितृ पूजन- पितृ दोष निवारण के लिए लोटे में जल लें और इसमें लाल फूल और सा काले तिल डालें. इसके बाद अपने पितरों की शांति की प्रार्थना करते हुए सूर्य देव को ये जल अर्पित करें.
Photo- ANI