पूरी दुनिया में ईद के त्योहार की धूम है. भारत में ईद का त्योहार आज मनाया जा रहा है. महीने भर के रोजे का अंत ईद का त्योहार के साथ ही होता है. ईद का त्योहार आखिरी रोजे के बाद मनाजा जाता है. ईद उल-फितर को मीठी ईद भी कहते हैं. आइए जानते हैं ईद से जुड़ी कुछ ऐसी ही और दिलचस्प बातें.
ईद उल-फितर की नमाज को सलत अल-ईद भी कहा जाता है. ये नमाज ईद के मौके पर की जाती है. शिया और सुन्नी मुसलमान ये नमाज अपने-अपने तरीके से अदा करते हैं.
अरबी में ईद उल-फितर का अर्थ है 'रोजा तोड़ने का त्योहार.' ईद तब तक शुरू नहीं होती है जब तक कि आसमान में चांद दिखाई नहीं दे जाता. आज भी कई मुस्लिम परंपरागत रूप से तब तक ईद की शुरुआत नहीं मानते हैं जब तक चांद नजर ना जाए.
पूरी दुनिया में ईद उल-फित्र का त्योहार अलग-अलग दिन और समय पर मनाया जाता है. ये उस देश में चांद दिखने के समय पर निर्भर करता है. कई देशों के मुसलमान अपने स्थानीय समय की बजाय मक्का में चांद दिखने के हिसाब से ही ईद का त्योहार मनाते हैं.
रमजान और ईद उल-फितर हर जगह ग्रेगोरियन तारीख के हिसाब से अलग-अलग मनाए जाते हैं. इस्लामिक कैलेंडर चंद्र चक्र पर आधारित है जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर सौर चक्र पर आधारित है.
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, चांद दिखने के साथ ही नए महीने की शुरूआत होती है. आमतौर पर नया चांद हर 29 दिनों में दिखाई देता है. इसलिए चंद्र महीने ग्रेगोरियन महीनों की तुलना में कुछ कम होते हैं. यही वजह है कि पिछले साल की तुलना में हर साल रमजान 10 दिन पहले पड़ जाता है.
ईद का त्योहार आमतौर पर तीन दिनों तक रहता है लेकिन यह कैलेंडर पर निर्भर करता है कि ये तीन दिन किस हिसाब से पड़ रहे हैं. अगर ये दिन हफ्ते के बीच में पड़ रहे हैं तो मुसलमान ईद का त्योहार सप्ताहांत तक मनाते हैं.
ईद की सुबह, मुसलमान ग़ुस्ल करने के बाद नए कपड़े पहनते हैं. ग़ुस्ल एक रस्म होती है जिसमें शरीर की कुछ खास तरीकों से सफाई की जाती है. ग़ुस्ल के बाद ईद की सुबह की नमाज अदा की जाती है. कुछ मुसलमान इस दिन पारंपरिक पोशाक पहनते हैं.
ईद के दिन बड़ी संख्या में मुसलमान एक दूसरे को 'ईद मुबारक' की बधाई देने के लिए इकट्ठा होते हैं. हालांकि इस बार कोरोना वायरस की वजह से मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लोगों को अपने घरों में ही ईद मनाने की सलाह दी है.
ईद के दिन मुसलमानों न केवल स्वादिष्ट भोजन की दावत देते हैं, बल्कि इस दिन एक-दूसरे को तोहफे भी देते हैं. इनमें पैसे, सामान, घर की चीजें से लेकर फूल तक होते हैं जिन्हें 'ईदी' कहा जाता है. खासतौर से बच्चों में इस दिन का खास उत्साह रहता है.