देश की सीमा पर कभी तैनात रहे पूर्व सैनिक भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में घुस कर आतंकी ठिकानों पर किये गए हमले को लेकर काफी खुश नजर आ रहे हैं. राजस्थान में धौलपुर के पूर्व सैनिकों ने आज तक से बात करते हुए बताया कि पाकिस्तान भारत से दस दिन भी युद्ध नहीं लड़ सकता हैं. क्योकि भारतीय सेना हर क्षेत्र में पाकिस्तान से आगे हैं. पकिस्तान चोरों की तरह आतंकियों के सहारे युद्ध लड़ता हैं.कभी आमने सामने लड़ाई नहीं कर सकता हैं.
'हथियार पेड़ से लटकाए हैं लेकिन चलाना नहीं भूले'
पूर्व सैनिकों ने कहा कि उन्होंने हथियार शमी के पेड़ से लटका दिए हैं लेकिन चलाना नहीं भूले हैं.साल 1965 और 1971 का युद्ध लड़ चुके 80 साल की उम्र के पूर्व सैनिकों का देश सेवा का जज्बा आज भी जिंदा हैं और वह लड़ने को तैयार हैं.पूर्व सैनिकों ने कहा कि पाकिस्तान के पास सैनिक नहीं आतंकी हैं और आतंकियों के सहारे भारत से ही नहीं वह अन्य देशों से भी युद्ध लड़ता रहा हैं.पूर्व सैनिकों का कहना हैं कि अब भारत को पाक अधिकृत कश्मीर को लेने में देर नहीं करनी चाहिए.
'ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाई जारी रहे'
पूर्व सैनिकों ने कहा कि पाकिस्तान साल 1948 से ही भारत से नफ़रत करता रहा हैं क्योकि भारत हर क्षेत्र में बढ़ रहा हैं.पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं और आतंकियों को फंडिग शरण देता रहा हैं.पाकिस्तान और आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने का यह सही मौका है.भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जो कार्रवाई की हैं, ऐसी ही कार्रवाई लगातार जारी रहनी चाहिए,जिससे पाकिस्तान की रीढ़ की हड्डी टूट जायेगी.
'चैलेंज देकर पीओके को वापस लेने का समय'
पूर्व सैनिकों ने बताया कि एलओसी के इस पार जो आतंकी आते हैं. उनसे मुठभेड़ जंगलों में होती थी और वहीं मार दिये जाते हैं. लेकिन इस बार आतंकियों ने पहलगाम में जो घटना की,उसके खिलाफ सेना द्वारा लगातार स्ट्राइक की जानी चाहिए. पाकिस्तान एलओसी पर बार-बार हमले करता है,साथ ही आतंकियों से हमले कराता है और अब हमारे पास मौका है.पाकिस्तान में घुसकर हमला करो और चैलेंज देकर पीओके को वापस ले लो. भारत द्वारा दो तीन ऐसी कार्रवाई हो जाये तो जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां रुक जाएंगी और जो आतंकी ठिकाने रह गये हैं उन्हें भी तबाह करें.
'पाकिस्तान को सबक सिखाने का समय'
उन्होंने कहा कि भारत वो ताकत है जो दुनिया को बता सकता है कि जब वह पाकिस्तान में घुस कर मारेगा तो कोई भी देश भारत के खिलाफ खड़ा नहीं हो सकता. लेकिन भारत ने अभी अपनी ताकत दिखाई नहीं हैं.भारत अनुशासित और शांतिप्रिय देश हैं और वह सभी देशों में शांति चाहता हैं. पूर्व सैनिकों ने कहा कि भारत के पास दो ही नहीं कई मौके आए हैं,लेकिन अन्य देशों को राजनीति चलते पाकिस्तान को छोड़ना पड़ा हैं. लेकिन अब पाकिस्तान को सबक सिखाने का समय आ गया हैं.
'उस समय भी पाकिस्तान को धूल चटाई थी और अब...'
पूर्व हवलदार सूरजपाल 80 साल की उम्र पार कर चुके हैं.उन्होंने साल 1965 और 1971 में पाकिस्तान से युद्ध लड़ा और आज भी वह देश की खातिर सीमा पर जाने को तैयार हैं.उन्होंने कहा कि उस समय भी पाकिस्तान को धूल चटाई थी.पूर्व नायक सज्जन शर्मा ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद तो लम्बे समय से चला आ रहा हैं,यह भारत को कमजोर करना चाहते हैं.पहलगाम में जो घटना हुई हैं उसका भारत मुंहतोड़ जवाब दिया है.साल 1971 से अब भारतीय सेना का हर क्षेत्र में काफी विकास हुआ है और दुश्मन भारत के सामने खड़ा नहीं हो सकता हैं.
'हम आज भी बंदूक चलाने के लिए तैयार'
उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान की सेना ने भारत के सामने सरेंडर किया था.उस समय भी भारत के पास मौका था.कारगिल युद्ध विजेता सूबेदार प्रणव मुखर्जी,सूबेदार मेजर रमेश सिंह परमार,सूबेदार मेजर यशपाल सिंह,सूबेदार कैलाश चंद्र शर्मा,कैप्टन अशोक परमार,हवलदार राहुल कुमार,हवलदार गोविन्द शर्मा ने कहा कि भारतीय सेना के सामने कोई भी नहीं टिक सकता हैं और हम भी बंदूक चलाने के लिए तैयार हैं.