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रणथंभौर टाइगर रिजर्व में ड्यूटी पर तैनात रेंजर की बाघ के हमले में मौत

रणथंभौर टाइगर रिजर्व में वन रेंजर की बाघ के हमले में मौत हो गई. मृतक की पहचान रेंजर देवेंद्र चौधरी के रूप में हुई है. हमला इतना तेज और अचानक था कि रेंजर को संभलने का मौका तक नहीं मिला. अधिकारी ने बताया कि बाघ हमले के बाद लगभग 20 मिनट तक शव के पास ही बैठा रहा, जिससे अन्य वनकर्मियों के लिए शव को निकालना मुश्किल हो गया.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में रणथंभौर टाइगर रिजर्व में रविवार को एक दर्दनाक हादसे में एक वन रेंजर की बाघ के हमले में मौत हो गई. अधिकारियों के अनुसार, यह घटना पार्क के जोन नंबर तीन में हुई, जहां रेंजर देवेंद्र चौधरी को ड्यूटी के दौरान बाघ ने हमला कर मार डाला.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चौधरी रविवार दोपहर गुड़ा चेक पोस्ट से जोगी महल क्षेत्र पहुंचे थे. हाल ही में उन्हें पदोन्नति के बाद रेंजर बनाया गया था और इसके साथ ही उन्हें जोगी महल का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था. वो पार्क के नियमित निरीक्षण और जिम्मेदारियों के सिलसिले में वहां पहुंचे थे.

जैसे ही वह जोगी महल के पास पहुंचे, एक बाघ ने उन पर अचानक हमला कर दिया. हमला इतना तेज और अचानक था कि रेंजर को संभलने का मौका तक नहीं मिला. अधिकारी ने बताया कि बाघ हमले के बाद लगभग 20 मिनट तक शव के पास ही बैठा रहा, जिससे अन्य वनकर्मियों के लिए शव को निकालना मुश्किल हो गया.

बाद में मौके पर मौजूद वन विभाग की टीम ने स्थिति को संभाला और जैसे-तैसे बाघ को वहां से हटाया गया, रेंजर के शव को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां पोस्टमार्टम किया गया. अधिकारियों ने बताया कि चौधरी के शव पर गहरे पंजों और दांतों के निशान मिले हैं, खासतौर पर गर्दन के हिस्से पर निशान पाए गए हैं.

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वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की टीम ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है. इस दुखद घटना के बाद टाइगर रिजर्व में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं. वन मंत्री और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने रेंजर की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है और घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.


 

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