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अलवर: मंदिर और आसपास के घरों में तोड़फोड़ मामले की जांच शुरू, BJP बोली- गहलोत माफी मांगें

गहलोत सरकार की तरफ से पीड़ित परिवारों की मदद की जाएगी. बेघर लोगों को धर्मशाला और रेन बसेरों में ठहराया जाएगा. मुआवजा के लिए नोडल अधिकारी रोहिताश्व कुमार रिपोर्ट तैयार करेंगे.

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जयपुर में भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मंदिर तोड़े जाने पर कांग्रेस पर निशाना साधा.
जयपुर में भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मंदिर तोड़े जाने पर कांग्रेस पर निशाना साधा.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अलवर के राजगढ़ कस्बे का मामला
  • 3 मंदिरों में हुई थी तोड़फोड़

राजस्थान के अलवर जिले में मंदिर और मकानों पर बुलडोजर चलाकर तोड़फोड़ करने के मामले में सरकार एक्टिव मोड में है. इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है. बीड़ा के कमिश्नर रोहिताश्व कुमार घटना की जांच कर रहे हैं. रोहिताश्व भिवाड़ी इंटीग्रेटेड विकास प्राधिकरण के कमिश्नर हैं. सरकार की तरफ से रोहिताश्व को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. 

मामला अलवर जिले के राजगढ़ कस्बे का है. प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि जल्द ही जांच अधिकारी रोहिताश्व कुमार राजगढ़ में कैंप करेंगे और जिनके घर तोड़े गए, उनके पुनर्वास की व्यवस्था करेंगे. इसके साथ ही मंदिरों का पुनर्स्थापन करवाया जाएगा. 

मुआवजे के लिए रिपोर्ट तैयार करेंगे नोडल अधिकारी

सरकार की तरफ से पीड़ित परिवारों की मदद की जाएगी. बेघर लोगों को धर्मशाला और रेन बसेरों में ठहराया जाएगा. मुआवजा के लिए नोडल अधिकारी रोहिताश्व कुमार रिपोर्ट तैयार करेंगे. इस घटना में राजगढ़ के एसडीएम की भूमिका की भी जांच की जाएगी. इधर, नगर पालिका के अधिकारियों की जांच DLB जयपुर के डिप्टी डायरेक्टर करेंगे. 

बीजेपी ने कहा- गहलोत माफी मांगें

उधर, जयपुर में भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मंदिर तोड़े जाने पर कांग्रेस पर निशाना साधा. सीकर से भाजपा सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि जब मंदिर में तोड़फोड़ के संबंध में मीटिंग की जा रही थी, तब कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा भी मौजूद थे. सुमेधानंद ने कहा कि हमने अपनी रिपोर्ट में चार बातें कही हैं. इनमें
- गहलोत सरकार को मंदिर में तोड़फोड़ के लिए माफी मांगनी चाहिए.
- जिनके पास वैध पट्टे थे, उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए.
- जो अधिकारी मामले में संलिप्त हैं, उन्हें दंडित किया जाए.

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बता दें कि एक दिन पहले बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने मौके पर जांच जाकर जांच की थी. इसकी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंपी गई है.

यह है पूरा मामला

राजस्थान के अलवर जिले में 17 अप्रैल को नगरपालिका प्रशासन ने नगरीय मास्टर प्लान के तहत 35 अतिक्रमण हटाए थे. इनमें 300 साल पुराने मंदिर में भी बुलडोजर चला था. इसके साथ ही आसपास के घरों को भी अतिक्रमण बताकर तोड़ा गया था. कई मूर्तियां खंडित हो गई थीं. लोगों का कहना था कि 300 साल पुराने मंदिर में तोड़फोड़ की गई है.

कलेक्टर ने कहा- विधि विधान से मूर्तियों को हटाया

प्रशासन की कार्रवाई में 32 मकान और दुकान के अलावा तीन मंदिर जद में आए थे. कलेक्टर ने कहा कि मंदिर के गर्भगृह को कोई क्षति नहीं पहुंचाई गई है. मूर्तियों को विधि-विधान से हटाया गया है और विधि पूर्वक स्थापित किया जाएगा. 
 

 

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