झालावाड़ जिले में हुए स्कूल हादसे के बाद शिक्षा विभाग के अफसर सरकारी विद्यालयों का निरीक्षण कर रहे हैं. जर्जर हालत वाली बिल्डिंग और कमरों की लिस्ट बनाई जा रही है. उन कमरों और बिल्डिंगों में बच्चों को नहीं बैठने के आदेश भी दिए गए हैं. शिक्षा विभाग और प्रशासन के अफसर जब नयापुरा इलाके के बालिका विद्यालय में पहुंचे तो फर्स्ट फ्लोर पर बने एक कमरे की छत का प्लास्टर गिरा मिला. वह रूम बंद था. आज रविवार को होने वाले कंपटीशन के एग्जाम में अभ्यर्थियों को इस कमरे में भी बैठना था.
एडीएम प्रशासन मुकेश चौधरी ने बताया कि विद्यालय का जायजा लिया गया है. रविवार को एग्जाम से पहले पूरी तैयारी की जा रही है. नयापुरा के एक स्कूल में कमरे का प्लास्टर गिरा हुआ था, उसे देखने पहुंचे. अगर यहां पर अभ्यर्थियों को बैठाने में दिक्कत आएगी तो वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी.

शिक्षा विभाग की चीफ ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर स्नेलता शर्मा ने बताया कि हमारे पास जिन भी स्कूलों से शिकायतें आई थीं, जिन भी स्कूलों का खुद का भवन नहीं है या जर्जर है, निरीक्षण किया है. हमने शुरुआत साजिदेंड़ा के किशोरपुरा सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की. वहां कमरों में नीचे बैठने के फर्श खोखले हो गए हैं. इसके लिए हमने प्रस्ताव भेजा है.
चीफ ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने कहा कि पाटन पोल गवर्नमेंट स्कूल में अच्छी बिल्डिंग है, लेकिन एक दो कमरे हैं. इसमें नमी है. छत में सीम आ रही है. वहां के प्रिंसिपल को हमने कहा है कि इन कमरों में बच्चों को न बैठाएं. चंद्रघटा इलाके में प्राइमरी स्कूल सामुदायिक भवन में चल रहा है. वहां के पार्षद से कहा है कि स्कूल को मर्ज कर देते हैं या फिर सफाई कर्मियों के जरिए साफ सफाई कराई जाए. कई स्कूलों को मर्ज करना है.
उन्होंने बताया कि हमने विभाग को लिखकर दे दिया है. जैसे ही विभागीय आदेश मिलेंगे, तुरंत हम इन सभी कामों को कर देंगे. नान्ता महल में जो स्कूल चलता है, वह मजबूत बिल्डिंग है, लेकिन उसके छज्जे गिरते रहते हैं. अगर बजट पास हो जाता है, उन पर भी सपोर्ट लगाकर काम करवा दिया जाएगा.
स्नेलता शर्मा ने बताया कि नयापुरा के विद्यालय में सूचना मिली कि छत का प्लास्टर गिरा हुआ है, मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया. यहां परीक्षा होनी है. अभ्यर्थियों के लिए वैकल्पिक इंतजाम किए गए हैं. केडीए के द्वारा चार नए कमरे बनाए गए हैं, उनमें बिजली कनेक्शन अभी बाकी है.