वो तस्वीर थामे चल रही थीं सेना की वर्दी में पर उसके चेहरे पर एक पत्नी की पीड़ा थी. सलामी दी, सिर झुकाया और फिर आंखें नम हो गईं. जयपुर के पायलट राजवीर सिंह चौहान की अंतिम यात्रा के दौरान उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान ने जैसे ही सेना की वर्दी में पति की तस्वीर को थामा और अंतिम विदाई दी. वहां मौजूद हर शख्स की आंखों से आंसू बह निकले.
राजवीर सिंह की 15 जून को केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे में मृत्यु हो गई थी. उनकी अंतिम यात्रा आज जयपुर के चांदपोल मोक्षधाम से निकाली गई. भीड़ बहुत थी, लेकिन सन्नाटा गहरा था. लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान ने अपने पति को एक सैनिक की तरह अंतिम विदाई दी. जब अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हुई, दीपिका चौहान ने शांति से सिर झुकाया और फौजी परंपरा अनुसार पति को आखिरी सलामी दी. पूरा वातावरण कुछ पल के लिए स्थिर हो गया.
'राजवीर अमर रहे'... मां के नारे ने सबको तोड़ दिया
जहां एक ओर पत्नी की चुप्पी दिल को चीर रही थी, वहीं दूसरी ओर पायलट की मां ने 'राजवीर अमर रहे' के नारे लगाकर समूचे माहौल को भावुक कर दिया. मां का यह संकल्प था, यह दुःख के आगे झुकने से इनकार था.
सेना से सेवानिवृत्त होकर बने थे हेलीकॉप्टर पायलट
राजवीर सिंह चौहान सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हो चुके थे. पर उनका उड़ान से रिश्ता खत्म नहीं हुआ था. कुछ महीने पहले उन्होंने एक निजी हेलीकॉप्टर सेवा कंपनी आर्यन एविएशन के साथ बतौर पायलट काम शुरू किया था. उन्होंने हाल ही में पिता बनने की भी खुशी देखी थी. 6 महीने पहले ही उनके जुड़वां बच्चे हुए थे. परिवार में रौनक थी लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था.
केदारनाथ हादसे में कुल 7 लोग मारे गए
15 जून को केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा एक हेलीकॉप्टर घने जंगलों और दुर्गम इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में पायलट राजवीर के साथ-साथ 6 अन्य लोग भी मारे गए.
हेलीकॉप्टर में सवार अन्य मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई:
- विनोद देवी (66 वर्ष), निवासी उत्तर प्रदेश
- तुष्टि सिंह (19 वर्ष), निवासी उत्तर प्रदेश
- राजकुमार सुरेश जायसवाल (41 वर्ष), निवासी महाराष्ट्र
- श्रद्धा राजकुमार जायसवाल, निवासी महाराष्ट्र
- काशी, 2 वर्षीय बालिका, निवासी महाराष्ट्र
- विक्रम रावत, 47 वर्षीय बीकेटीसी कर्मचारी
हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलते ही SDRF सेनानायक अर्पण यदुवंशी के नेतृत्व में रेस्क्यू टीमें तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुईं थी. SDRF, NDRF और स्थानीय पुलिस की टीमों ने संयुक्त रूप से घंटों लंबा ऑपरेशन चलाया. शवों को खोजने और नीचे लाने में जान की बाजी लगानी पड़ी. अंततः सभी शव बरामद कर लिए गए.