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Jaipur: 'खाने के पैसे नहीं हैं, कुछ दे दो...', भिखारी बनकर ठगी करने वाला गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे

जयपुर में भीख मांगने की आड़ में ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. दरअसल, गिरोह के चार सदस्य ऑटो में सवार होकर राहगीरों को खाने के पैसे के बहाने फंसाते थे. फिर लाखों रुपये का झांसा देकर गहने ठग लेते थे. पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है, जो देश के कई शहरों में वारदात कर चुके हैं.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

जयपुर पुलिस ने अंतरराज्यीय ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है. ये ठग भीख मांगने की आड़ में लोगों को ठगी का शिकार बना रहा था. पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिनकी पहचान गणेश सोलंकी, सूरज सोलंकी, करण उर्फ कालू रॉय और बुब्या उर्फ धर्मा के रूप में हुई है. ये सभी मिलकर बेहद सुनियोजित ढंग से भोले-भाले लोगों को लालच देकर ठगते थे.

डीसीपी जयपुर पूर्व तेजस्वनी गौतम ने बताया कि यह मामला तब सामने आया जब जवाहर सर्किल इलाके में एक बुजुर्ग महिला के साथ गहने ठगने की शिकायत मिली. जांच में सामने आया कि आरोपी पहले ऑटो में सवार होकर इलाके में घूमते और राहगीरों से रास्ता पूछने के बहाने ऑटो रोकते. फिर गिरोह का एक सदस्य भिखारी बनकर उतरता और खाने के लिए पैसे मांगता.

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तभी दूसरा सदस्य 100-200 रुपये देकर राहगीर का विश्वास जीतता. इसके बाद भिखारी बना सदस्य बैग दिखाता और कहता कि वह मालिक के यहां से आया है, इसमें लाखों रुपये हैं. फिर दूसरा ठग बैग खोलकर झूठी पुष्टि करता कि बैग में 5-6 लाख रुपये हैं. इसके बाद यह लोग राहगीर को लालच देते कि बैग आप रख लो, बस हमें कुछ पैसे दे दो.

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इसी लालच में कई लोग अपने गहने उतारकर दे देते थे. अब तक यह गिरोह जयपुर के अलावा कोटा, मुंबई, दिल्ली और उत्तराखंड में भी कई ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुका है. पुलिस ने गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है और जल्द ही अन्य खुलासों की उम्मीद जताई जा रही है.

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