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बीस साल पहले ट्रक में जिंदा जला पूर्व नौसैनिक जीवित मिला, रची थी खौफनाक साजिश

राजस्थान के जोधपुर में में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां बीस साल पहले ट्रक में जिंदा जला नौ सेना का पूर्व जवान जीवित मिला है. आरोप है कि पूर्व नौसैनिक ने हत्या के आरोप से बचने के लिए किया षडयंत्र रचा था.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

राजस्थान के जोधपुर शहर के डांगियावास थाना क्षेत्र में 20 साल पहले एक ट्रक में दो लोग जिंदा जल गए थे. अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस को पता चला है कि मरने वाले में से एक शख्स जिंदा है और वह नाम बदल कर दिल्ली के पास नफजगढ़ में रह रहा है. इस शख्स को कुछ समय पहले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसके द्वारा बीस साल पहले की गई हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी को डांगियावास थाना पुलिस जल्द प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आएगी.

 डांगियावास पुलिस ने उस पर षड्यंत्र कर दो व्यक्तियों की हत्या करने का मामला भी दर्ज किया है. आरोप है कि उसने खुद को मृत घोषित करने के लिए दो लोगों को ट्रक में जिंदा जला दिया था और उसके बाद खुद वहां से भाग गया था. डांगियावास थाने के सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार के अनुसार 1 मई 2004 को डांगियावास थाना क्षेत्र के पीथावास फांटा के पास एक ट्रक में आग लगने से दो लोग जिंदा जलने की सूचना थाने को मिली थी. इसके बाद  तत्कालीन पुलिस ने केस दर्ज किया था.

आरोपी की पत्नी ले रही थी नौसेना से पेंशन

परिजनों ने मृतक की पहचान ट्रक चालक पूर्व सैनिक बालेश कुमार के रूप में की थी. जबकि दूसरा अज्ञात रहा था.  जोधपुर पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर बालेश कुमार की पत्नी को पति का मृत्यु प्रमाण पत्र मिल गया जिसके आधार पर उसने नौसेना से पति के नाम की पेंशन उठाना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं ट्रक के मालिक से उसके भाई को इंश्योरेंस का मुआवजा भी मिल गया था. 

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पहचान छिपाकर नजफगढ़ में रह रहा था आरोपी

गत वर्ष अक्टूबर में दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े जाने पर बालेश कुमार ने बताया कि उसने ही मर्डर के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए दो मजदूरों को ट्रक में जला दिया था. खुद वहां से भाग गया. पत्नी को कह दिया कि मरने वाले में उसकी पहचान कर दे. मूलत: हरियाणा पानीपत का रहने वाला बालेश कुमार डांगियावास थाना पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर खुद को मृत घोषित करवाने के बाद  दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में अमन सिंह के रूप में रहने लगा. उसने अपने ड्राइविंग लाइसेंस सहित सारे दस्तावेज अमन सिंह के नाम से बना लिए. लोगों को पता था कि बालेश मर चुका है इसलिए पत्नी उसके साथ नहीं रही लेकिन वहआती जाती रहती थी.

 गत वर्ष अक्टूबर में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को मुखबिर से सूचना मिली थी की खुद को मृत घोषित कर एक व्यक्ति दूसरे नाम से रह रहा है. उसके बाद पुलिस ने उसको पकड़ा और पूछताछ में उसने भाई के साथ हत्या करना कबूला. उसके खिलाफ नेवी में चोरी का मामला चल रहा है. लगातार पूछताछ में उसने डांगियावास की घटना भी पुलिस को बताई. दिल्ली पुलिस की सूचना पर डांगियावास की पुलिस दिल्ली आई और तिहाड़ जेल में बंद बालेश कुमार से पूछताछ की.

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दो मजदूरों को जला दिया जिंदा

1996 में नौसेना से सेवानिवृत होने के बाद बालेश कुमार अपने भाई सुंदरलाल के साथ मिलकर ट्रांसपोर्ट का काम करने लगा था, उसका ट्रक भी चलाता था.  इस दौरान उसके मित्रता राजेश उर्फ खुशीराम से हुई. उसकी पत्नी से बालेश के संबंध बन गए और इसे लेकर एक दिन शराब पीते हुए दोनों के बीच बहस हुई तो. भाई सुंदरलाल और बालेश ने मिलकर राजेश की हत्या कर दी. उसके बाद बालेश वहां से भाग गया जबकि पुलिस ने कुछ समय बाद सुंदरलाल को पकड़ लिया. इस दौरान बालेश ने अपने आप को बचाने के लिए प्लान बनाया. 

बालेश बिहार के दो मजदूर मनोज और मुकेश को गत्ते से भरे ट्रक में लेकर रवाना हुआ. 1 मई 2004 को उसने डांगियावास के पास रात को ट्रक में आग लगा दी. गत्ता भरा होने से ट्रक ने तुरंत आग पकड़ ली. जिससे दोनों सोते हुए जिंदा जल गए. घटना के बाद उसकी पत्नी व अन्यपरिजनों ने उसके शव की पहचान भी कर दी. जिससे वह मृत घोषित हो गया. डांगियावास पुलिस ने जो मामला दर्ज किया है उसमे परिजनों द्वारा गलत पहचान करने पर उनको भी मामले में आरोपी बनाया है.

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