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राजस्थान: देश में पहली बार ‘राइट टू साइट विजन’, राजस्थान सरकार ने अंधता नियंत्रण पॉलिसी की लागू

देश में पहली बार राजस्थान सरकार ने ‘राइट टू साइट विजन’ के उद्देश्य के साथ अंधता नियंत्रण पॉलिसी लागू की गई है. राज्य में तीन लाख से अधिक नेत्रहीन लोगों के जीवन में रोशनी लाने के उद्देश्य से यह नीति लाई गई है. अंधता नियंत्रण पॉलिसी के तहत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अनिवार्य रूप से केराटोप्लास्टी सेंटर और आईबैंक संचालित किए जाएंगे.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो)
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिशा-निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को अंधता निवारण पॉलिसी का डॉक्यूमेंट जारी किया है. राज्य में तीन लाख से अधिक नेत्रहीन से पीड़ित लोग हैं. इनके जीवन में रोशनी लाने के उद्देश्य से इस पॉलिसी को लाया गया है.

देश में साल 2020 में अंधता प्रसार दर 1.1 प्रतिशत थी. 'राइट टू साइट विजन' पॉलिसी से इसे 0.3 प्रतिशत तक लाने की दिशा में काम किया जाएगा. 

केराटोप्लास्टी सेंटर एवं आईबैंक खोले जाएंगे

राज्य सरकार की अंधता नियंत्रण पॉलिसी के तहत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अनिवार्य रूप से केराटोप्लास्टी सेंटर और आईबैंक संचालित किए जाएंगे. इस पॉलिसी के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले निजी संगठनों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा एकत्रित कॉर्निया को प्राथमिकता से सरकारी संस्थानों को उपलब्ध कराया जाएगा.

जिलों में इस क्षेत्र में काम करने वाले स्वयंसेवी संस्था, ट्रस्ट, अस्पताल और अन्य चैरिटेबल संस्थाओं के साथ मिलकर प्रयास किए जाएंगे. राज्य सरकार निजी संस्थाओं को साथ लेकर व्यापक स्तर पर नेत्रदान के लिए मुहिम चलाएगी. नेत्र विशेषज्ञ, नेत्र सर्जन, स्नातकोत्तर के विद्यार्थी, नेत्रदान के लिए कार्यरत काउंसलर और नेत्र सहायक आदि को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा.

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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. पृथ्वी ने बताया कि इस पॉलिसी के तहत अंधता नियंत्रण संबंधी जन-जागरूकता और विभिन्न तकनीकी सुधार गतिविधियां आयोजित की जाएंगी.

(रिपोर्ट- देव)

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