scorecardresearch
 

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी अरावली बना अवैध खनन का अड्डा, दो दशकों में 21 हजार से ज्यादा मामले दर्ज

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद अरावली में अवैध खनन जारी है. साल 2002 के बाद अब तक 21 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. पिछले दो साल में 1478 और 2024-25 में 530 मामले सामने आए. कांग्रेस और भाजपा दोनों के कार्यकाल में अवैध खनन के आंकड़े लगातार बढ़े हैं.

Advertisement
X
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद अरावली में अवैध खनन जारी (Photo: Arranged By ITG)
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद अरावली में अवैध खनन जारी (Photo: Arranged By ITG)

अरावली की परिभाषा को लेकर चल रहे सियासी घमासान के बीच अरावली क्षेत्र में अवैध खनन के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद अरावली आज भी अवैध खनन का बड़ा केंद्र बना हुआ है. पिछले 20 वर्षों में जितनी वैध खनन की अनुमति दी गई, उससे दो गुना से ज्यादा अवैध खनन के मामले दर्ज किए गए हैं.

आंकड़ों के अनुसार, अकेले पिछले दो वर्षों में अरावली के 19 जिलों में 1478 अवैध खनन के मामले सामने आए हैं. वर्ष 2024-25 में अब तक 530 मामले पकड़े जा चुके हैं. यदि कांग्रेस और भाजपा के सात वर्षों के शासन को देखा जाए तो इस दौरान कुल 7173 अवैध खनन के मामले दर्ज हुए, जिनमें से 4181 मामले सिर्फ अरावली क्षेत्र के हैं.

100 मीटर से ऊपर और नीचे खानों की अलग अलग स्थिति

भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस शासन के दौरान सरकार की शह पर अवैध माइनिंग होती रही. आंकड़े बताते हैं कि कांग्रेस के पांच साल के कार्यकाल में अरावली में 2703 अवैध खनन के मामले दर्ज हुए. वहीं भाजपा सरकार के दो साल में ही 1478 मामले सामने आ चुके हैं. पर्यावरण बचाने से जुड़े लोगों का कहना है कि आज भी राजस्थान में अरावली क्षेत्र में तीन से चार हजार अवैध खनन के मामले पुलिस, वन विभाग और खनन अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे हैं.

Advertisement

900 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला वैध खनन नेटवर्क

राजस्थान के पूर्व खान निदेशक दीपक तंवर का कहना है कि अवैध खनन को लेकर सरकारों का रवैया हमेशा ढीला रहा है. उन्होंने बताया कि फरवरी से अगस्त 2024 के बीच अपने छोटे कार्यकाल में 340 करोड़ रुपये की रिकवरी निकाली गई, लेकिन केवल 40 करोड़ की वसूली हो सकी. 2002 में सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद अब तक अरावली में 21778 अवैध खनन के मामले दर्ज हो चुके हैं.

अनुमानित आंकड़ों के अनुसार अरावली में वैध खानों का गणित कुछ इस प्रकार है.

20 जिलों में 11,000 से अधिक खानों का आवंटन किया गया है.
इनमें से करीब 10,000 खानें 100 मीटर से कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थित हैं.
100 मीटर से अधिक ऊंचाई पर कुल 1,008 खानें दर्ज हैं.
100 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली खानों में से 747 खानें वर्तमान में संचालित हैं.
इसी श्रेणी की 261 खानें नवीनीकरण की प्रक्रिया में हैं.
100 मीटर से कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगभग 9,500 खानें संचालित हो रही हैं.
कुल मिलाकर लगभग 10,000 खानें करीब 900 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में इस समय संचालित हैं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement