scorecardresearch
 

सिक्योरिटी अफसर ने वायरल की छात्रा की फोटो, कई लड़कियों को कर चुका ब्लैकमेल, राजस्थान सेंट्रल यूनिवर्सिटी में मचा बवाल

अजमेर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी अफसर ने एक छात्रा की फोटो वायरल कर दी. इस मामले को लेकर यूनिवर्सिटी में बवाल मच गया. छात्रों ने मामले के विरोध में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया. छात्रों ने कहा कि सिक्योरिटी ऑफिसर पर सख्त कार्रवाई की जाए और मामले की जांच हो. पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया है.

Advertisement
X
सिक्योरिटी अफसर ने वायरल की छात्रा की फोटो. (Representational image)
सिक्योरिटी अफसर ने वायरल की छात्रा की फोटो. (Representational image)

राजस्थान में अजमेर की सेंट्रल यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी ऑफिसर पर छात्राओं की फोटो खींचने और वायरल करने का आरोप लगा है. इस मामले को लेकर छात्रों ने बीती रात विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में तोड़फोड़ भी की. यूनिवर्सिटी में बवाल बढ़ा तो पुलिस व प्रशासन ने मामले का संज्ञान लिया. सिक्योरिटी ऑफिसर को हिरासत में लिया गया है. उससे पूछताछ की जा रही है.

वायरल तस्वीरों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने कहा कि सिक्योरिटी ऑफीसर छात्राओं की फोटो खींचकर उनकी डिटेल्स निकलवाता है. सिक्योरिटी का काम सभी की सुरक्षा करना है, न कि उनकी निजी जानकारी लेने का. यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने आरोप लगाया है कि इससे पहले भी सिक्योरिटी ऑफिसर ने कई लड़कियों की फोटो खींचकर उन्हें ब्लैकमेल किया था.

कार्रवाई की मांग को लेकर रात 1 बजे तक छात्रों ने किया प्रदर्शन

इस बार कॉलेज की एक छात्रा ने पूरा घटनाक्रम अपने साथियों को बताया. इसके बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. छात्रों की मांग है कि सिक्योरिटी ऑफिसर को बर्खास्त किया जाए और पूरे मामले की उच्च स्तर पर जांच की जाए. गुस्साए छात्रों ने रात 1 बजे तक प्रदर्शन किया.

पीड़ितों को मीडिया से क्यों नहीं मिलने दिया जा रहा?

Advertisement

अजमेर यूनिवर्सिटी में जब वबाल मचा तो प्रशासन ने जांच शुरू करवा दी. इस मामले को लेकर एफएसएल टीम जांच कर रही है. वहीं सिक्योरिटी ऑफीसर राजपाल रेवाड़ को हिरासत में लिया गया है. इस मामले को लेकर मीडिया को पीड़ितों से बात नहीं करने दी जा रही है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या सेंट्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन कोई सच छुपा रहा है? आखिर पीड़ितों को मीडिया के सामने क्यों नहीं आने दिया जा रहा है?

Advertisement
Advertisement