संघ की शाखाओं से निकलकर बीजेपी के दफ्तर तक और बीजेपी दफ्तर से गुजरात की सत्ता तक. मोदी के चेहरे लगातार बदलते रहे. एक जमीनी कार्यकर्ता की धुंधली तस्वीर से एक कामयाब मुख्यमंत्री के चमकते-दमकते चेहरे तक.