देश के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं. कुछ दिनों बाद बाढ़ का पानी तो उतर जाएगा, लेकिन उसके साथ ही रोटी के लिए लोगों की चिंता बढ़ जाएगी. तब करोडों लोगों को दो जून की रोटी भी नसीब नहीं होगी, जबकि लाखों टन गेहूं बारिश में सड़ रहे हैं. ताज्जुब इस बात से है कि मंत्री जी कहते हैं कि हमारे पास गेहूं रखने की जगह नहीं है. ऐसे में आप खुद अंदाजा लगाइए कि आपका गेहूं महंगा क्यों है.