कहते हैं कि आस्था में तर्क की जगह नहीं होती. बैंगलोर से मदुरै चले गए स्वामी नित्यानंद के लाखों भक्त भी यहीं मानते हैं और इसीलिए अपने स्वामी जी पर आंख मूंद कर भरोसा करते हैं. उनके हाथों से चरणामृत पाकर वो खुद को धन्य मानते हैं. लेकिन उनकी आस्था और उम्मीदों को एक बड़ा झटका उस आरोप से लगा है, जिसमें कहा गया है कि नित्यानंद बांटते हैं नशीला चरणामृत.