अमेरिका से लेकर पूरी दुनिया चीन की 64 साल पुरानी वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब को कोरोना वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार मान रही है.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो कोरोना को बार-बार चीनी वायरस कहकर पुकारते नहीं थकते. मगर खौला देने वाला सच ये है कि चमगादड़ पर रििसर्च करने के लिए खुद अमेरिका वुहान के उसी लैब को पिछले पांच सालों से फंड दे रहा है. 2015 से अब तक अमेरिका वुहान की इस लैब को 3.7 मीलियन डॉलर फंड दे चुका है. इतना ही नहीं 2014 तक खुद अमेरिका कोरोना पर रिसर्च करना चाहता था. मगर फिर सुरक्षा कारणों से इसे अमेरिका के बाहर वुहान की लैब में कराने का फैसला लिया गया.