कहते हैं कि सोच अगर अच्छी हो तो इंसान अच्छे काम करता है, और सोच गंदी हो तो बुरे. दिल्ली की 'गुड़िया' के गुनहगारों के बारे में कहा जा रहा है कि 15 अप्रैल की दोपहर तक उनके जेहन में कोई गंदगी नहीं थी. मगर शाम होते-होते अश्ललील फिल्में देखते ही उनकी सोच भी गंदी हो गई और फिर देखते ही देखते वो इंसान से हैवान बन गए.