पहले स्कूल फिर कॉलेज, बाज़ार, मस्जिद, मदरसा और अब दगराह. पाकिस्तान में हाल में अब तक जो कुछ हुआ वो गुज़र चुका है. लेकिन जिस दहशत से पाकिस्तान गुज़र रहा है वो अब उसके मुल्क का हिस्सा है. इस्लाम और जेहाद के नाम पर दहशत की जो फसल खुद की मिट्टी में सींची थी उसे अब बगदादी जैसे लोग काट रहे हैं. इस बार निशाना बनी है उन सूफी संत अली शाहबाज़ कलंदर की दरगाह जिनके सूफी संगीत को सदियों से हिंदुस्तानी उपमहाद्वीप गाता रहा है. गुरुवार को उसी दगराह में घुसकर बगदादी के फिदायीन ने खुद को उड़ाते हुए सौ से ज्यादा बेगुनाहों की जान ले ली.